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04 नवंबर 2009

कच्ची चीनी जलाने का ऐलान

लखनऊ November 03, 2009
गन्ने के दामों को लेकर उत्तर प्रदेश में चल रहा किसानों का आंदोलन अब सूबे की कानून व्यवस्था के सामने चुनौती बन गया है।
प्रदेश सरकार ने आंदोलनरत गन्ना किसानों के प्रतिनिधियों से बातचीत के लिए गन्ना आयुक्त सुधीर महादेव बोवडे को मेरठ भेजा है, वहीं किसानों के कच्ची चीनी जलाए जाने के ऐलान से हलकान प्रदेश सरकार ने चीनी मिलों की सुरक्षा को चाक-चौबंद करने का फैसला किया है।
शासन के दिशा-निर्देशों पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों ने अपने-अपने क्षेत्रों से संबंधित चीनी मिलों के महाप्रबंधकों के साथ बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की रणनीति बनायी है। जिलाधिकारियों ने चीनी मिलों के महाप्रबंधकों को पर्याप्त सुरक्षा दिए जाने का भरोसा दिया है।
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) कानून और व्यवस्था, ए के जैन ने बताया कि बाहर से आयातित कच्ची चीनी की सुरक्षा के मद्देनजर व्यापक इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तनावग्रस्त इलाकों में अब कच्ची चीनी की रैक नहीं उतारी या भेजी जा रही है।
जैन ने बताया कि गन्ना आयुक्त मेरठ में किसानों के प्रतिनिधियों से वार्ता कर समस्या के समाधान का प्रयास करेंगे। उत्तर प्रदेश में इसी महीने बाहर से आयातित होने वाली कच्ची चीनी की 93,000 टन की खेप आनी है जिसकी प्रोसेसिंग यहां की चीनी मिलों में होनी है। किसान अपना गुस्सा इस चीनी को लेकर आ रही मालगाड़ियों और ट्रकों को बना सकते हैं। इसे लेकर चिंतित सरकार ने सुरक्षा को लेकर रणनीति तैयार की है।
भारतीय किसान यूनियन और अन्य किसान संगठनों ने किसानों से अब गन्ने जलाने की जगह बाहर से सूबे में आ रही कच्ची चीनी को जलाने को कहा है। किसान यूनियन ने संसद का सत्र शुरू होते ही दिल्ली कूच का ऐलान किया है।
किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत गन्ना किसानों की बहाली के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ही दोषी ठहरा चुके हैं। किसान यूनियन की पूर्वी उत्तर प्रदेश की इकाइयों ने आज देवरिया, कुशीनगर, संतकबीरनगर और बस्ती जिला हेडक्वॉर्टर पर प्रदर्शन किया और गन्ने के दाम 300 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की।
किसानों से वार्ता के लिए गन्ना आयुक्त मेरठ रवानाराज्य सरकार ने आगजनी रोकने के लिए चीनी मिलों की सुरक्षा की चाक-चौबंदतनावग्रस्त इलाकों में नहीं उतारे जा रहे कच्ची चीनी के रैक (बीएस हिन्दी)

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