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06 नवंबर 2009

कपास उत्पादन गिरने के आसार

मुंबई November 05, 2009
कपास के उत्पादन में कमी आने के आसार हैं। देश के पांचवें बड़े कपास उत्पादक राज्य पंजाब में विपरीत मौसम और सबसे बड़े कपास उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में फसलों को बीमारी लगने के चलते उत्पादन में कमी के अनुमान लगाए जा रहे हैं।
इस साल अगस्त में कपास सलाहकार बोर्ड ने अपने पहले अग्रिम अनुमान में कुल उत्पादन 305 लाख गांठ (1 गांठ 170 किलो की) रहने का अनुमान लगाया था। यह अनुमान पिछले साल के 290 गांठ उत्पादन से 5 प्रतिशत ज्यादा था।
पंजाब के कपास किसान दुभाश झाखर के मुताबिक गरम मौसम के चलते कपास की फसल प्रभावित हुई है। इसके चलते राज्य में उत्पादन में 10-15 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है। झाखर ने यह भी कहा कि बारिश में कमी और मॉनसून के चलते सिंचाई के लिए जल के संकट से भी फसलों को नुकसान हुआ है।
बुआई के क्षेत्रफल में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बावजूद उत्पादन में कमी आने के आसार हैं। कपास बोर्ड के मुताबिक 2009-10 में बुआई का क्षेत्रफल बढ़कर 5.36 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि पिछले साल कुल क्षेत्रफल 5.27 लाख हेक्टेयर था।
टेक्सटाइल कमिश्नर एबी जोशी ने भी इस बात की पुष्टि की है कि महाराष्ट्र के जालना जिले में कपास की फसल खराब हुई है। हालांकि उन्होंने इस सिलसिले में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है। उन्होंने कहा, 'देश के अन्य इलाकों में बंपर फसल होने के आसार हैं, जिसके चलते हुए नुकसान की भरपाई हो जाएगी। इस तरह से फसल की उत्पादकता में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आएगा। हालांकि अभी नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी आना बाकी है।'
पिछले साल भी अंतिम समय तक कपास बोर्ड ने 325 लाख गांठ उत्पादन का अनुमान लगाया था, जबकि वास्तविक उत्पादन घटकर 290 लाख गांठ रह गया। भारत में कपास वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक होता है। पिछले साल गुजरात से नकली बीटी बीज की आपूर्ति की वजह से पंजाब की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई थी, जिस पर इस साल काबू पा लिया गया।
कानफेडरेशन आफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री के महासचिव डीके नायर ने कहा कि इस लिहाज से भी देखें तो फसलों को नुकसान के बावजूद अगर उत्पादन ज्यादा नहीं होगा, तो पिछले साल के स्तर पर बना रहेगा। उन्होंने कहा कि अगर उत्पादन में गिरावट आती भी है तो वह बहुत मामूली होगी।
कर्नाटक में आई बाढ़ के बाद फसल खराब हुई। उसके बाद लगाए गए अनुमानों के मुताबिक राज्य के 2.91 लाख हेक्टेयर फसल में से करीब 51 प्रतिशत फसल प्रभावित हुई है। खासकर बेलगांव जिले में ज्यादा असर पड़ा है, जहां 18,730 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है।
इसके बाद दावनागरे में 16,584 हेक्टेयर, धारवाड़ में 16,565 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई। गुलबर्ग और रायचुर जिले में 15,228 हेक्टेयर और 13,456 हेक्टेयर फसल खराब हुई है। (बीएस हिन्दी)

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