06 नवंबर 2009
अक्टूबर में भारत के सोयामील निर्यात में 136 फीसदी की बढ़त
सोयाबीन की बढ़ती कीमतों से परशान सोया प्रोसेसरों के लिए सोयामील के मोर्चे पर अच्छी खबर है। एशियाई देशों की ओर से निकल रही मांग की बदौलत भारत से सोयामील के निर्यात में काफी तेज बढ़ोतरी हुई है। अक्टूबर में देश से सोयामील का निर्यात पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले ख्ब्स्त्र फीसदी अधिक रहा। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन (सोपा) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में फ्,ख्8,फ्भ्त्त टन सोयामील का निर्यात हुआ। पिछले साल अक्टूबर में निर्यात 9फ्,भ्फ्भ् टन रहा था। इस तरह सोयाबीन प्रोसेसर्स के लिए नए सीजन की शुरूआत काफी अच्छी रही। इस वर्ष सितंबर में ख्,त्तफ्,ख्त्तत्त टन सोयामील का निर्यात हुआ था। हालांकि चालू वित्त वर्ष फ्क्क्9-ख्क् में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान 8भ्9स्त्रभ्स्त्र टन सोयामील का निर्यात हुआ है जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले म्ख्।स्त्रब् फीसदी कम है। वित्त वर्ष 2008-09 की अप्रैल-अक्टूबर के दौरान ख्त्तम्स्त्रभ्त्त9 टन निर्यात हुआ था। इस वित्त वर्ष में जो निर्यात हुआ है, उसका करीब म्स्त्र फीसदी वियतनाम और जापान में हुआ है। इसके अलावा थाइलैंड, इंडोनेशिया, ग्रीस, चीन एवं ईरान को भी निर्यात हुआ। पिछले वित्त वर्ष में विश्व बाजार में छाए वित्तीय संकट के चलते सोयामील के निर्यात में भी काफी कमी आई थी। इसके चलते सोयामील के दाम भी निचले स्तर पर बने हुए थे। साथ ही सोया तेल के दाम भी नीचे हैं। दूसरी ओर सोयाबीन के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसके चलते प्लांटो के लिए सोयाबीन की क्रशिंग लाभकारी नहीं है। अब सोयामील के बढ़ते निर्यात को देखते हुए उसके दाम भी तेज होने की संभावना है। निर्यात में बढ़ोतरी को निर्यातक मंदी का दौर खत्म होने का संकेत मान रहे हैं। केएस ऑयल के प्रबंध निदेशक संजय अग्रवाल ने बिजनेस भास्कर को बताया कि फरवरी तक विश्व बाजार में किसी अन्य देश की फसल बाजार में नहीं आती है। इसको देखते हुए विश्व बाजार में भारत की सोयामील की मांग मजबूत रहेगी। इसी को देखते हुए अगले कुछ महीनों में देश से सोयमील के निर्यात में काफी बढ़ोतरी होने के आसार हैं। (बिज़नस भास्कर)
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