नई दिल्ली- भारत ने कहा है कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के दोहा दौर की वार्ता को बहाल किया जाए। भारत ने कहा है कि वैश्विक व्यापार पर समझौते के मसौदे को इस वार्ता के लिए शुरुआती बिंदु बनाया जा सकता है। इंडोनेशिया के बाली में हो रही केर्यन्स ग्रुप की बैठक में विशेष आमंत्रण पर शामिल हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कृषि और औद्योगिक उत्पादों पर तैयार ड्राफ्ट रिपोर्ट को समझौते के लिए आधार बनाने की जरूरत पर जोर दिया। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉन किर्क से बातचीत में शर्मा ने बहुपक्षीय वार्ता पर आगे बढ़ने पर सहमति जताई। करों में कटौती पर भारत और अमेरिका के बीच जारी मतभेद के चलते जुलाई 2008 में जेनेवा में डब्ल्यूटीओ सदस्यों के बीत बातचीत रुक गई थी। विकसित और विकासशील देशों के बीच बाजारों को खोलने और आयात शुल्क को लेकर काफी गंभीर मतभेद कायम हैं और इस वजह से डब्ल्यूटीओ सदस्य देशों के बीच कोई समझौता नहीं हो पा रहा है। शर्मा और किर्क के बीच इस बात पर भी सहमति हुई कि शर्मा की इस महीने के अंत में होने वाली वाशिंगटन यात्रा में अमेरिका और भारत द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे। कृषि उत्पाद निर्यात करने वाले 19 देशों के केर्यन्स ग्रुप को संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा कि भारत सार्थक बातचीत के जरिए दोहा प्रक्रिया को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक के बाद जारी वक्तव्य के मुताबिक उन्होंने कहा, 'दोहा दौर के विकासात्मक पक्ष को सभी वार्ताओं का केंद बनाना चाहिए।
साथ ही, स्वच्छ व्यापार व्यवस्था के लागू होने की सभी विकासशील देशों की इच्छा को मान्यता मिलनी चाहिए।' डब्ल्यूटीओ के 153 सदस्य देश लगातार इस बात की कोशिश कर रहे हैं कि साल 2001 में शुरू हुए दोहा दौर की वार्ता को सफल अंजाम तक पहुंचाया जा सके। (ET Hindi)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें