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05 जून 2009

बढ़ेंगी स्टील की कीमतें!

कोलकाता June 04, 2009
वैश्विक स्टील बाजार की राह चलते हुए स्टील के घरेलू उत्पादक भी जुलाई से इसकी कीमतें बढ़ा सकते हैं।
एस्सार स्टील के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जतिंदर मेहरा ने कहा, 'मेरा मानना है कि जुलाई महीने से बाजार में कुछ बढ़ोतरी हो सकती है। भारतीय बाजारों का उभार पहले ही शुरू हो चुका है। ऑटो, फैब्रिकेशन, पूंजीगत वस्तुएं बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं।'
फ्लैट उत्पादों के समूह में हॉट रोल्ड क्वायल (एचआरसी) की कीमतों में पिछले साल सितंबर महीने के बाद से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। पिछले महीने लंबे उत्पादों में कोल्ड रोल्ड और गैल्वनाइज्ड स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी हुई थी।
जेएसडब्ल्यू स्टील के प्रबंध निदेशक सान जिंदल ने हाल ही में इशारा किया था कि जुलाई में कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। इस सिलसिले में जेएसडब्ल्यू स्टील के डायरेक्टर (सेल्स ऐंड मार्केटिंग) जयंत आचार्य ने कहा कि कंपनी अभी जिंक आधारित उत्पादों की स्थिति के बारे में इस माह प्रतीक्षा कर रही है।
उन्होंने कहा कि जिंक की कीमतों में बढ़ोतरी हो चुकी है। वर्तमान में स्टील की घरेलू कीमतें, अंतरराष्ट्रीय कीमतों से ज्यादा हैं। व्हाइट ग्लोबल एचआरसी की कीमतें 360-380 डॉलर प्रति टन हैं, जबकि घरेलू बाजार में इसकी कीमतें 450 डॉलर प्रति टन हैं।
वैश्विक रूप से स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। इसके कारोबार में सुधार के संकेत इस बात से मिलते हैं कि विश्व के सबसे बड़े स्टील उत्पादक आर्सेलर मित्तल की दक्षिण अफ्रीका इकाई और अमेरिका की एके स्टील ने जुलाई से स्टील की कीमतें बढ़ाने की घोषणा की है।
आर्सेलर मित्तल दक्षिण अफ्रीका ने फ्लैट स्टील की कीमतों में 5-6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की है। इसका उपयोग ज्यादातर ऑटो और कंज्यूमर डयूरेबल्स के क्षेत्र में होता है। कंपनी ने लांग स्टील की कीमतों में 5-6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की है, जिसका उपयोग निर्माण क्षेत्र में होता है। यह कदम कंपनी ने सितंबर 2008 के बाद पहली बार उठाया है, जिससे संकेत मिलता है कि अब वैश्विक मंदी दूर हो रही है।
अमेरिका की एके स्टील भी शीट की कीमतों में 1 जुलाई से शीट की कीमतों में 20 डॉलर प्रति टन की बढ़ोतरी कर रही है। इस कदम से अन्य स्टील मिलों की भी धारणा में बदलाव आएगा, जहां हॉट रोल्ट क्वायल (एचआरसी) की कीमतें पिछले साल के 1100 डॉलर प्रति टन से गिरकर 360-380 डॉलर प्रति टन पर आ गई हैं। कीमतों में बढ़ोतरी उस स्थिति के बाद आई है, जब पूरी दुनिया में उत्पादन में कटौती करनी पड़ी थी। दक्षिण पूर्व एशिया एचआरसी निर्यात मूल्य 20-30 डॉलर बढ़ा है। (BS Hindi)

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