कोलकाता June 16, 2009
केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय सऊदी अरब, ओमान और सिंगापुर से आयातित पॉलिप्रोपिलीन पर अस्थायी रूप से एंटी डंपिंग शुल्क लगा सकता है।
पिछले साल दिसंबर में रिलायंस इंडस्ट्रीज और हल्दिया पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एचपीएल) ने इन देशों से आ रहे सस्ते माल से बचाव के लिए सरकार से अपील की थी।
उद्योग के सूत्रों के मुताबिक इस हफ्ते इसकी घोषणा की जा सकती है और 10-15 फीसदी तक एंटी डंपिंग शुल्क लगाया जा सकता है। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव आर. गोपालन इस पर टिप्पणी करने के लिए मौजूद नहीं थे।
रिलायंस और एचपीएल ने 19-23 फीसदी तक एंटी डंपिंग शुल्क लगाने के लिए निवेदन किया है और इसके लिए इस साल फरवरी से ही जांच पड़ताल का काम शुरू हो गया था। सूत्रों के मुताबिक यह अल्पकालीन एंटी डंपिंग शुल्क छह महीने के लिए ही लागू होगा और इस दौरान वाणिज्य मंत्रालय में सुनवाई जारी रहेगी।
ऐसा माना जा रहा है कि इससे घरेलू उद्योग को कोई खतरा नहीं होगा। इसकी वजह यह भी है कि अल्पकालीन शुल्क को हटाया जा सकता है । फिलहाल जिंस के आयात पर 5 फीसदी सीमा शुल्क लगता है। स्थानीय प्रसंस्करण उद्योगों को आशंका है कि यह शुल्क लग जाएगा और उम्मीद है कि फिर कीमतों में भी कम से कम 10-12 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ोतरी हो सकती है।
पॉलिप्रोपिलीन (पीपी) का इस्तेमाल कई उद्योगों में कच्चे माल के तौर पर किया जाता है जिसमें पैकेजिंग, बोरे, कंटेनर और गाड़ी के पुर्जे, पाइप, पानी के टैंक, फर्नीचर और स्वास्थ्य से जुड़ी मशीनें भी शामिल हैं। प्रसंस्करण से जुड़ी ज्यादातर इकाइयां छोटे और मझोले उद्योग की तरह काम करती हैं और उन्हें यह लगता है कि घरेलू बाजार में कीमतों में बढ़ोतरी होने से उन्हें नुकसान हो सकता है। (BS Hindi)
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