17 जून 2009
जापान और चीन में मांग बढ़ने से अल्यूमीनियम दस फीसदी महंगा
औद्योगिक की मांग बढ़ने के कारण पिछले एक माह में अल्यूमीनियम के दाम दस फीसदी तक बढ़ चुके हैं। जानकारों के मुताबिक जापान और चीन से अल्यूमीनियम की मांग में इजाफा हुआ है। इसके अलावा डॉलर कमजोर होने और इक्विटी मार्केट में अधिक निवेश होने के कारण अल्यूमीनियम की कीमतें बढ़ी है। आगे भी तेजी रहने का अनुमान है। लंदन मेटल एक्सचेंज में एक माह में अल्यूमीनियम के दाम 1470 डॉलर से बढ़कर 1622 डॉलर प्रति टन हो चुके हैं। वहीं घरेलू बाजार में इसकी कीमतें 68 रुपये से बढ़कर 76 रुपये प्रति किलो हो गई हैं।बीते महीनों में चीन में सरकार द्वारा राहत पैकेज देने के बाद धातुओं की औद्योगिक मांग में इजाफा हुआ है। दरअसल अल्यूमीनियम की खपत निर्माण और ऑटो सेक्टर में होती है। चीन की ऑटो मैन्युफेक्चरिंग एसोसिएशन के मुताबिक अप्रैल में वाहनों की बिक्री 37 फीसदी बढ़कर 8.31 लाख और मई में 34 फीसदी 11.2 लाख हुई है। इस दौरान चीन में 20 हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कों के अलावा 2.14 लाख घरों का भी निर्माण हुआ है। इन्हीं कारणों से अल्यूमीनियम की मांग बढ़ी है। एंजिल कमोडिटीज के अनुज गुप्ता ने बिजनेस भास्कर को बताया कि चीन और जापान में अल्यूमीनियम की मांग बढ़ने से इसकी कीमतों में तेजी आई है। चीन में अप्रैल माह में प्राइमरी अल्यूमीनियम का आयात मार्च के मुकाबले चार गुना बढ़कर 362400 टन हो गया। मई में 330000 टन अल्यूमीनियम का आयात हुआ है। वहीं जापान में मांग बढ़ने के कारण अल्यूमीनियम के स्टॉक में कमी आई है। जापान में मई के दौरान अल्यूमीनियम का स्टॉक 28 फीसदी घटकर 2.50-2.56 लाख टन रह गया है।इसमें जून के अंत तक 40-50 हजार टन की गिरावट और आ सकती है। आगे भी इसके मूल्यों में इजाफा होने की संभावना है। हैदराबाद स्थित जीएफएम रिसर्च के निदेशक और मेटल विश्लेषक भरत कुमार ने बताया कि आगे वैश्विक आर्थिक हालात सुधरने की उम्मीद में चालू वर्ष की चौथी तिमाही के दौरान बेसमेटल की मांग बेहतर रहने की उम्मीद है। ऐसे में इनके मूल्यों में तेजी आने के आसार हैं। दिल्ली के मेटल कारोबारी रमेश चंद गुप्ता के अनुसार भी अल्यूमीनिमय के मूल्यों में आगे और वृद्धि हो सकती है। अल्यूमीनियम की खपत ट्रांसपोर्ट में 26 फीसदी, पैकेजिंग में 22 फीसदी, कंस्ट्रक्शन में 22 फीसदी इलैक्ट्रिकल में 8 फीसदी, मशीनरी में 8 और अन्य क्षेत्रों में 14फीसदी होती है। (Business Bhaskar)
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