05 जून 2009
उन्नत बीजों की सुलभता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय मिशन शीघ्र
केंद्रीय कृषि, उपभोक्ता मामले, खाद्य व नागरिक वितरण मंत्री शरद पवार ने कहा है कि बढ़ती आबादी की खाद्य जरूरतों को पूरा करने के लिए खाद्यान्न का उत्पादन बढ़ाया जाएगा और इसके लिए नए उन्नत किस्म के बीज तैयार करने के साथ ही मिट्टी को अधिक उपजाऊ बनाने पर ध्यान दिया जाएगा। सरकार उन्नत किस्म के बीजों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय बीज मिशन की घोषणा कर सकती है। इसके अलावा कटाई उपरांत होने वाले नुकसान को कम करने के लिए भी प्रसंस्करण को बढ़ावा दिया जाएगा। पवार ने गुरुवार को दिल्ली में नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेज (एनएएएस) के 19वें स्थापना दिवस पर कहा कि गरीबी की रेखा नीचे रहने वालों को 55-55 किलो गेहूं और चावल सुलभ कराया जाएगा जिसका दाम तीन रुपये प्रति किलो होगा। सम्मेलन के बाद पवार ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वर्तमान में खाद्यान्नों की कोई कमी नहीं है इसलिए इस वादे को पूरा किया जा सकता है, लेकिन आने वाले समय में खाद्यान्न की उपलब्धता मानसून पर निर्भर करेगी। पवार के मुताबिक सबसे बड़ी समस्या कुपोषण की है जिससे निपटने के लिए सरकार कृतसंकल्प है। पवार ने कहा कि देश में कोल्ड स्टोर और गोदामों का नेटवर्क तैयार किया जाएगा, जिससे कटाई उपरांत होने वाले नुकसान को कम किया जा सकेगा। उनका कहना है कि डेयरी और मत्स्य पालन के क्षेत्र में काफी संभावना है जिनमें क्रमश: 3.4 फीसदी और 5.4 फीसदी की औसत दर से विकास हो रहा है। इस मौके पर कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर एम.एस. स्वामीनाथन ने कहा कि ग्राम ज्ञान अभियान से युवाओं को जोड़ने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग जरूरी है। उनका कहना है कि बायोटेक्नोलॉजी, नैनोटेक्नोलॉजी और सूचना प्रौद्योगिकी से ग्रामीण युवाओं को भी जोड़ना चाहिए। प्रो. स्वामीनाथन का कहना है कि गांवों में आईटीसी या मोनसेंटो जैसी बड़ी कंपनियों की बजाय स्थानीय छोटे कारोबारियों को अधिक मौका देना चाहिए। (Buisness Bhaskar)
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