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04 जून 2009

फ्लैट स्टील उत्पादों पर छूट समाप्त करने की तैयारी में सेल

नई दिल्ली- देश की सबसे बड़ी इस्पात कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) ने बढ़ती मांग का फायदा उठाने के लिए फ्लैट स्टील उत्पादों पर डिस्काउंट बंद करने की योजना बनाई है। मामले से जुड़े एक सूत्र का कहना है कि कंपनी के इस कदम से खरीदारों के लिए उत्पाद की कीमत में मामूली बढ़ोतरी हो सकती है। फ्लैट स्टील उत्पादों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर ऑटो और कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर में किया जाता है। इससे पहले अप्रैल में फ्लैट स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी हुई थी लेकिन इसके बाद आर्थिक मंदी के कारण धातुओं की कीमत में तेज गिरावट आई और इससेफ्लैट स्टील उत्पादों की भी कीमत में 40 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। कंस्ट्रक्शन सेक्टर से मांग में वृद्धि शुरू होते देख पिछले महीने कुछ स्टील फर्मों ने लॉन्ग प्रोडक्ट की हाजिर कीमतों में तीन फीसदी या 1,000 रुपए प्रति टन की बढ़ोतरी कर दी थी। घरेलू स्टील उत्पादन में सेल करीब एक चौथाई का योगदान देती है और वह अभी फ्लैट स्टील उत्पादों पर 500-800 रुपए का डिस्काउंट देती है। गुणवत्ता श्रेणी के आधार पर इन उत्पादों की कीमत 28,000 से 35,000 रुपए प्रति टन के बीच है। मामले की सीधी जानकारी रखने वाले एक सूत्र का कहना है, 'पिछले महीने तक सेल स्टील उत्पादों पर उपभोक्ताओं को डिस्काउंट दे रही थी, इस महीने की शुरुआत से डिस्काउंट समाप्त कर दिया गया है। इस कारण अंतिम उपयोगकर्ताओं को अब अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी।' सूत्र का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में अर्धशहरी क्षेत्रों से मांग में काफी वृद्धि हुई है। इस बात की पुष्टि करते हुए सेल के प्रवक्ता ने कहा, 'मांग बढ़ने के कारण हम कुछ स्टील उत्पादों की कीमतों में 1.5 फीसदी की कमी करने के बारे में विचार कर रहे हैं।' पिछले महीने कंपनी ने स्टील की बिक्री में 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की। इससे मई में कुल बिक्री 10 लाख टन छू गई। फ्लैट स्टील उत्पादों के अलावा कंपनी दूसरे लॉन्ग स्टील और मूल्य संवर्धित उत्पाद भी बनाती है, लेकिन सेल की आमदनी में फ्लैट स्टील योगदान आधा है। हालांकि दूसरे खिलाड़ियों ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन स्टील उत्पादकों को मानना है कि कीमतों में थोड़ी वृद्धि करने की गुंजाइश मौजूद है क्योंकि कुछ विदेशी बाजारों में धातुओं में तेजी आई है। इससे पता चलता है कि मांग बढ़ रही है। जेएसडब्ल्यू स्टील के मैनेजिंग डायरेक्टर सज्जन जिंदल का कहना है, 'मांग में थोड़ी बढ़ोतरी के कारण दूसरे एशियाई देशों में स्टील कीमतों में सुधार देखने को मिल रहा है। इसका असर भारत में भी देखने को मिल सकता है।' दूसरे स्टील उत्पादकों को अभी कीमत पर निर्णय लेना है, लेकिन उनका मानना है कि इससे उन्हें सस्ते आयात की भी समस्या से जूझना पड़ सकता है। एस्सार होल्डिंग्स के सीईओ जे मेहरा का कहना है, 'सवाल यह है कि क्या बाजार बढ़ी कीमत को सह पाएगा या नहीं।' (ET Hindi)

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