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19 जून 2009

शेयर बाजारों के कमजोर संकेतों से गिरा क्रूड

नई दिल्ली: दुनिया भर में शेयर बाजारों के गिरने से गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेल में नरमी का दौर दिखाई दिया। विश्लेषकों के मुताबिक निवेशकों ने बाजार में जोखिम भरे वित्तीय साधनों से अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिखाई देने तक मुंह मोड़ लिया है। इसकी वजह से कच्चा तेल प्रति बैरल 71 डॉलर से नीचे चला आया। ब्रिटेन में मई महीने के बिक्री के आंकडे़ उम्मीद के मुकाबले काफी खराब रहे। इससे ग्लोबल अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने की उम्मीदों को गहरा झटका लगा। इसके अलावा ब्रिटेन में फैक्ट्री ऑर्डरों में भी जून महीने में तेज गिरावट देखी गई है जो पिछले एक दशक की सबसे बड़ी गिरावट है। स्टैंडर्ड एंड पुअर्स के बुधवार को अमेरिका के 18 बैंकों की क्रेडिट रेटिंग में गिरावट करने से पहले से दबाव में चल रहे बैंकिंग सेक्टर को झटका लगा। घरेलू बाजार में शुरुआती कारोबार में क्रूड में कुछ बढ़ोतरी देखने को मिली। एमसीएक्स पर क्रूड का जुलाई कॉन्ट्रैक्ट 0.79 फीसदी उछलकर 3,444 रुपए प्रति बैरल पर चला गया। इस बीच एस्सार ग्लोबल लिमिटेड के चेयरमैन शशि रुइया ने कहा है कि सरकार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी करनी चाहिए। रुइया के मुताबिक, 'अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की ऊपर की ओर जाती कीमतों का हम सब पर असर पड़ेगा। अगर कीमतों में इसी तरह से तेजी जारी रही तो सरकार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी करनी चाहिए।' मौजूदा वक्त में तेल की कीमत जनवरी की 36 डॉलर प्रति बैरल की कीमत के मुकाबले दोगुनी ज्यादा होकर 71 डॉलर प्रति बैरल के आसपास चल रही है। (ET Hindi)

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