03 जून 2009
मानसून चला दक्षिण की ओर
मुंबई- मानसून ने एक बार फिर गति पकड़ ली है और दक्षिणी राज्यों में आगे बढ़ने लगा है। भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि एक हफ्ते की सुस्ती के बाद मानसून कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में आगे बढ़ता दिखा है। दक्षिण पश्चिमी मानसून तटीय और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक के कुछ और हिस्सों में प्रवेश कर गया है। इसके अलावा मानसून रायलसीमा के कुछ हिस्सों और आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तटों पर भी पहुंच गया है। आंध्र प्रदेश देश में मक्के की सबसे ज्यादा पैदावार करने वाला राज्य है। साथ ही आंध्र प्रदेश देश का दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक राज्य भी है। मौसम विभाग ने अपनी वेबसाइट में कहा है, 'अंकीय मौसम अनुमान मॉडल से संकेत मिल रहे हैं कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन रहे दबाव ग्रेडिएंट में मजबूती आ रही है। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी के उत्तर में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। पांच जून और उसके बाद इस मानसून में और तेजी आ सकती है।' मानसूनी बारिश इस बार देश के तट पर 1 जून के अपने सामान्य वक्त से पहले 23 मई को पहुंच गई। तट पर पहुंचने के बाद मानसून की आगे बढ़ने की रफ्तार में कमी आ गई और करीब एक हफ्ते से मानसून में कोई खास बढ़ोतरी नहीं देखी गई। भारत में जून से सितंबर में होने वाली मानसून की बारिश का कृषि आधारित देश की अर्थव्यवस्था में गहरा योगदान रहता है। गौरतलब है कि भारत में दो-तिहाई लोग कृषि और उससे जुड़े कारोबार में लगे हुए हैं और ऐसे में अच्छी बारिश का इनके जीवनयापन पर काफी असर पड़ता है। (ET Hindi)
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