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16 मई 2009

सरकारी कंपनियां अब सिर्फ दो लाख टन चीनी आयात करेंगी

केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के चीनी आयात कोटा में कटौती किया है। कंपनियों द्वारा आयात नहीं कर पाने की वजह से सरकार ने इसे दस लाख टन से घटाकर महज दो लाख टन कर दिया है। चार मई को सचिवों की समिति की बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले सरकार ने चार सरकारी कंपनियों को एक अगस्त तक दस लाख टन चीनी आयात को मंजूरी दी थी। लेकिन वैश्विक बाजारों में चीनी की कीमतें तुलनात्मक रूप से ज्यादा होने से कंपनियां ज्यादा आयात सौदे नहीं कर सकी हैं। इन कपंनियों द्वारा पिछले महीने तक महज 28,100 टन ही चीनी आयात की गई जबकि करीब 30,400 टन और चीनी आयात होने वाली है। इस फैसले के साथ ही सरकार ने चीनी आयात करने वाली सरकारी कंपनियों की सूची से नेफेड को अलग कर दिया है। अब दो लाख टन आयात करने की मंजूरी केवल पीईसी, एसटीसी और एमएमटीसी को ही होगी। इससे पहले भी इन्हीं तीन कंपनियों ने आयात सौदे की हैं जबकि पहले चारों कंपनियों को ढाई-ढाई लाख टन चीनी आयात करने की मंजूरी दी गई थी। लेकिन अब सरकार का मानना है कि वैश्विक बाजार में ऊंची कीमतों की वजह से सरकारी कंपनियां दो लाख टन से ज्यादा चीनी का आयात नहीं करेंगी।इस दौरान वाणिज्य मंत्रालय ने सरकार को बाकी आठ लाख टन चीनी के आयात के लिए निजी कारोबारियों को अनुमति देने का सुझाव दिया है। सूत्रों के मुताबिक घरलू बाजार में चीनी उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर काबू के लिए सरकार आगे कुछ फैसले कर सकती (Business Bhaskar)

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