02 मई 2009
इंदौर में कम शुद्धता की चांदी न बिकने से कारोबार घटा
स्थानीय सराफा बाजार में शुद्ध यानि .999 टंच चांदी बेचने का फैसला व्यापारियों के लिए भारी पड़ रहा है। व्यापारियों द्वारा .990 टंच चांदी न बेचे जाने से सराफा बाजार के कारोबार में कमी आ रही है। दरअसल इंदौर से सटे मालवा और निमाण क्षेत्र के सराफा कारोबारी .990 टंच चांदी खरीदने को प्राथमिकता देते हैं। इंदौर में यह चांदी न मिलने से क्षेत्रीय व्यापारी दूसर शहरों जैसे राजकोट और अहमदाबाद की ओर रुख कर रहे हैं। इस साल जनवरी में इंदौर सराफा एसोसिएशन ने बाजार में चांदी की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए .990 टंच चांदी की बिक्री पर रोक लगा दी थी। उसके बाद से इंदौर में केवल .999 टंच (जिसे 9999 टंच भी कहते हैं) चांदी की बिक्री हो रही है। इंदौर में .990 टंच चांदी के उत्पादन पर रोक लग गई। अब चांदी की रिफाइनिंग करने वाली इकाइयों में केवल .999 टंच चांदी का ही उत्पादन होता है। इंदौर में चार चांदी की रिफाइनिंग इकाइयां है।इंदौर के करीबी निमाण, मालवा के अन्य क्षेत्र तथा झाबुआ तक के सराफा कारोबारी यही से चांदी की खरीद करते हैं। इनकी मांग .990 टंच चांदी की ज्यादा रहती है जो .999 टंच चांदी से फ्क्क् रुपये प्रति किलो सस्ती बिकती है। कमोडिटी एक्सचेंजों में भी .990 टंच चांदी का ही कारोबार होता है। इंदौर के बाजार में .990 चांदी न मिलने से ये लोग राजकोट और अहमदाबाद से चांदी खरीदने लगे हैं। इंदौर में चांदी का थोक कारोबार करने वाले एक व्यापारी दामो भाई ने बताया कि इस साल जनवरी से इंदौर में .990 चांदी का ही कारोबार ज्यादा होता था। आसपास के क्षेत्रों के कारोबारी उसी की खरीद ज्यादा करते थे। .990 चांदी की बिक्री पर रोक लगने के बाद से चांदी के थोक कारोबार में करीब ख्म् फीसदी तक की कमी आई है। शहर में करीब फ्क्क् चांदी के थोक कारोबारी है। इंदौर सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हुकुम सोनी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि शहर में .990 चांदी न बेचने का फैसला कारोबारियों की सहमति से ही लिया गया था। अब इस फैसले के कारण अगर उनके करोबार में कमी आ रही है तो एसोसिएशन इसे हटाने पर विचार कर सकता है। (Business Bhaskar)
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