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11 मई 2009

घरेलू बाजार में खाने के तेल के भाव चढ़े

मुंबई: वैश्विक स्तर पर कीमतों के बढ़ने और मांग में बढ़ोतरी के कारण खाद्य तेल के भाव तेजी से बढ़ रहे हैं। लैटिन अमेरिका में उत्पादन घटने के अनुमान के कारण कीमतों में तेजी को और समर्थन मिल रहा है। भारत जैसे देशों से आयात में अचानक भारी बढ़ोतरी के कारण स्टॉक पहले ही कम हो गया है, इससे कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है। भारत अपनी जरूरत के खाद्य तेल (करीब 1.3 करोड़ टन) का करीब आधा हिस्सा आयात करता है, इस कारण घरेलू बाजार पर अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों का असर पड़ना तय रहता है। भारत मुख्यतौर पर सोयाबीन और पाम ऑयल का आयात करता है। पिछले महीने सोयाबीन की कीमतें 20 फीसदी ऊपर चढ़कर 28,000 रुपए प्रति पर पहुंच गई, क्रूड पाम ऑयल की कीमतें 26 फीसदी बढ़कर 840 डॉलर प्रति टन और रिफाइंड सोया ऑयल की कीमतें 12 फीसदी ऊपर 49,700 रुपए प्रति टन पर पहुंच गई। ऑयल साल नवंबर 2008 से अक्टूबर 2009 के पहले पांच महीनों के दौरान पिछले साल के मुकाबले भारत के खाद्य तेल के आयात में 77 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इस दौरान कुल 34.34 लाख टन का आयात किया गया। पूरे साल के दौरान आयात 75 लाख टन से अधिक हो सकता है जबकि पिछले साल आयात 63 लाख टन रहा था। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) के बी वी मेहता का कहना है कि अनुमान था कि फरवरी में कीमत और आयात में गिरावट आएगी। उसके बाद से भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और मिस्त्र जैसे देशों से आयात बढ़ा, फलस्वरूप कीमतों को समर्थन मिला। एनसीडीईएक्स पर जून कॉन्ट्रैक्ट अपर सर्किट को छू गया था, हालांकि बाद में यह 2.65 फीसदी ऊपर 2,825 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सोया ऑयल तीन फीसदी ऊपर 525 रुपए प्रति 10 किलो ऊपर था। एमसीएक्स पर सीपीओ के भी मई कॉन्ट्रैक्ट ने अपर सर्किट को छुआ। दुनिया भर में सीपीओ का जुलाई कॉन्ट्रैक्ट बर्सा मलेशिया में चार फीसदी ऊपर बंद हुआ। एंजेल कमोडिटीज के रिसर्च एनालिस्ट बदरूद्दीन का कहना है कि कीमतों में तेजी बरकरार रहेगी। उन्होंने कहा, 'आने वाले सप्ताह में सोयाबीन 3,000 रुपए और 530 रुपए के स्तर तक पहुंच सकता है।' दुनिया भर में देखें तो इस बार अर्जेंटीना में सोयाबीन का उत्पादन घटकर 3.5-3.7 करोड़ टन रह सकता है, जबकि पिछले साल उत्पादन 4.9 करोड़ टन था। उत्पादन में कमी का अनुमान लैटिन अमेरिका के देशों के साथ भारत में भी कम रख गया है। भारत में पहले उत्पादन का अनुमान 100 लाख टन लगाया गया था, लेकिन अब इसे घटाकर 85-95 लाख टन कर दिया गया है। पिछले चार महीनों में मलेशिया में पाम ऑयल का स्टॉक 22 लाख टन से घटकर 13 लाख टन रह गया है। (ET Hindi)

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