16 मई 2009
कच्चा तेल महंगा होने के बावजूद नेचुरल रबर के मूल्य में गिरावट
कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने के बावजूद घरेलू बाजार में नेचुरल रबर के भाव गिर रहे हैं। चालू महीने में कच्चे तेल की कीमतों में सात-आठ डॉलर प्रति बैरल की तेजी आकर भाव 59.72 डॉलर प्रति बैरल हो गए। लेकिन रबर के आयात में भारी बढ़ोतरी और कुल स्टॉक में इजाफा होने से घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में सात फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि अप्रैल में देश में नेचुरल रबर के उत्पादन में करीब नौ फीसदी की कमी आई है और खपत में भी इजाफा हुआ है। लेकिन भारत की तुलना में विदेशी बाजार में भाव कम होने से मौजूदा कीमतों में और भी गिरावट की संभावना है। कोट्टायम स्थित रबर ट्रेडिंग कंपनी आइडियल रबर के डायरेक्टर जैम्स कुपटी ने बताया कि न्यूयार्क में कच्चे तेल की कीमतें बढ़कर 59.72 डॉलर प्रति बैरल हो गई। लेकिन आयात में बढ़ोतरी और नेचुरल रबर का कुल स्टॉक ज्यादा होने से कोट्टायम में आरएसएस-4 की कीमतें घटकर 93 रुपये और आरएसएस-5 के दाम घटकर 91 रुपये प्रति किलो रह गए। दो मई को आरएसएस-4 के भाव 101 रुपये और आरएसएस-5 के दाम 98 रुपये प्रति किलो थे। सिंगापुर के सीकॉम में रबर के भाव करीब 83 रुपये प्रति किलो (भारतीय मुद्रा में) चल रहे हैं। रबर बोर्ड के सूत्रों के अनुसार चालू वर्ष के 31 मार्च तक देश में नेचुरल रबर का कुल स्टॉक बढ़कर 205,000 टन का हो गया जबकि वर्ष 2008 में मार्च के अंत में इसका कुल स्टॉक 164,000 टन का ही था। अप्रैल महीने में देश में रबर का आयात 86 फीसदी बढ़कर 8175 टन का हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका आयात 4391 टन का हुआ था।रबर बोर्ड के सूत्रों के मुताबिक चालू वर्ष के अप्रैल महीने में उत्पादक क्षेत्रों में बारिश न होने से नेचुरल रबर का उत्पादन 52,250 टन से घटकर 52,000 टन रह गया। भारत के मुकाबले विदेशी बाजार में भाव कम होने से अप्रैल महीने में निर्यात में भी 82 फीसदी की कमी दर्ज की गई। इस दौरान भारत से नेचुरल रबर का 653 टन का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल अप्रैल में 3691 टन का निर्यात हुआ था।रबर मर्च्ेट एसोसिएशन के सचिव अशोक खुराना ने बताया कि भारत में जुलाई-अगस्त में नेचुरल रबर का नया सीजन शुरू हो जाता है। चालू वर्ष में अभी तक उत्पादक क्षेत्रों में मौसम फसल के प्रतिकूल रहा है। ऐसे में आगामी दिनों में मानसून कैसा रहता है इस पर नेचुरल रबर का उत्पादन निर्भर करेगा। हालांकि पहले की तुलना में घरेलू बाजार में इसकी मांग बढ़ी है लेकिन विदेश में भाव कम होने के कारण निर्यात में कमी और आयात बढ़ने से तेजी की संभावना कम है।रबर बोर्ड के अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2009-10 में नेचुरल रबर का उत्पादन 867,000 टन होने की संभावना है जबकि खपत 875,000 टन रहने की उम्मीद है। वर्ष 2008-09 में 866,000 टन की खपत हुई थी। वर्ष 2007-08 में देश में इसकी खपत 861,000 टन की हुई थी। (Business Bhaskar....R S Rana)
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