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07 मई 2009

भारत और चीन के आयात से विदेश में भी चीनी महंगी

एशियाई बाजारों में चीनी के दाम पिछले एक सप्ताह के दौरान बढ़ते दिखाई दिए। एशिया के प्रमुख उपभोक्ता देशों की खरीद जारी रहने से मजबूती दिखाई दी। तेजी का रुख जारी रह सकता है। सिंगापुर के एक कारोबारी के अनुसार इंडोनेशिया, भारत व चीन इन दिनों थाईलैंड से चीनी आयात सौदे करने में काफी सक्रिय हैं। इससे तेजी को बल मिल रहा है। मंगलवार को न्यूयॉर्क में आईसीई जुलाई वायदा चीनी 15.15 सेंट प्रति पौंड के स्तर पर बंद हुई। एशिया में रॉ शुगर के सबसे बड़े निर्यातक थाईलैंड में रॉ शुगर का प्रीमियम आईसीई जुलाई कांट्रेक्ट से 100-130 प्वाइंट चल रहा था। उधर यूरोनेक्स्ट लिफ्फे अगस्त चीनी वायदा 447 डॉलर प्रति टन के भाव पर रहा। थाईलैंड में इसके भाव 20-22 डॉलर प्रति टन ऊपर रहे। भारतीय चीनी मिल के के एक विश्लेषक ने कहा कि भारत इस साल थाईलैंड से करीब 50 हजार टन रॉ शुगर आयात कर सकता है। इसमें पचास फीसदी अभी तक खरीदी जा चुकी है। इस साल के अंत में घरलू चीनी के भाव ऊंचे रह सकते हैं। थाईलैंड में वर्ष 2008-09 के दौरान गन्ने का उत्पादन 670 लाख टन रहने का अनुमान है। पिछले साल वहां 730 लाख टन उत्पादन रहा था। दूसरी ओर रूस में एक जनवरी से 4 मई तक चीनी रिफाइनिंग में कमी दर्ज की गई है। इस दौरान वहां 5.73 लाख टन रॉ शुगर की रिफाइनिंग की गई जबकि पिछले साल इस दौरान 6.61 लाख टन चीनी की रिफानिंग हुई थी। चीनी उत्पादकों के राष्ट्रीय संगठन ने बताया कि आलोच्य अविध में रूस की चीनी रिफाइनरियों को 1.67 लाख टन रॉ शुगर मिली जबकि पिछले साल 5.43 लाख टन चीनी मिली थी। हाजिर की तेजी से चीनी वायदा में जोरदार खरीदनई दिल्ली। पिछले चार महीने में हाजिर बाजार में चीनी की कीमत में 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वायदा बाजार में कारोबारी जमकर सौदे कर रहे हैं। इसमें भाव लगातार बढ़ने से उन्हें इसमें खासा फायदा भी हुआ। इस साल के जनवरी से अप्रैल के दौरान कारोबारियों ने एनसीडीईएक्स से 87,390 टन चीनी के खरीद सौदे किए। बीते साल इसी अवधि में कारोबारियों ने 36,440 टन चीनी के खरीद सौदे किए थे। हैदराबाद के कमोडिटी ब्रोकर कार्वी कॉमट्रेड के वीरेश हिरेमथ ने कहा कि हाजिर बाजार में चीनी की कम आपूर्ति की वजह से कारोबारी एक्सचेंजों में कारोबारियों की खरीद बढ़ी। (Buisness Bhaskar)

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