लखनऊ May 12, 2009
पिछली रात उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, जिसमें लखनऊ का आम उगाने वाला क्षेत्र भी शामिल है, में आए आंधी-तूफान और ओले पड़ने से आम की फसल को भारी क्षति पहुंची है।
उत्तर प्रदेश में आम का उत्पादन पहले ही लगभग 90 प्रतिशत कम हुआ है और इस आंधी और ओले पड़ने की वजह से कच्चे आम या तो क्षतिग्रस्त हो गए हैं या गिर गए हैं। इनमें दशहरी, लंगड़ा और चौसा किस्म के आम प्रमुख रूप से शामिल हैं।
फसल के दौरान प्रतिकूल मौसम और हाल में आए आंधी-तूफान के कारण उत्तर प्रदेश में आम का उत्पादन घट कर 3 लाख टन से कम होने के आसार हैं। देश के अग्रणी आम निर्यातक शहनाज एक्सपोर्ट्स के नदीम सिद्दिकी ने कहा, 'आम की खड़ी फसल का लगभग 15 प्रतिशत इस ओलावृष्टि की वजह से क्षतिग्रस्त हो गया है। इस साल वैसे ही आम की फसल कम थी।'
उन्होंने बताया कि ओले की वजह से कच्चे आमों में दाग लग गया है और ऐसे आम निर्यात के काबिल नहीं रहे। दशहरी आम का निर्यात पश्चिमी एशिया और सिंगापुर को किया जाता है। उन्होंने कह, 'अगर आने वाले दिनों में तापमान में बढ़ोतरी नहीं होती है तो संभव है कि दशहरी में वैसी मिठास न आ पाए।'
हाल में हुई ओलावृष्टि से न केवल आम की फसल को नुकसान पहुंचा है बल्कि शाक-सब्जियां और फल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। अखिल भारतीय आम उत्पादक संघ के अध्यक्ष इंसराम अली ने कहा, 'आम आदमी इस साल शायद दशहरी का स्वाद न चख पाए। क्योंकि, इस साल उत्पादन मंद है और कीमतें भी आसमान छूएंगी।'
विश्व के कुल आम उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी लगभग 55 प्रतिशत की है और उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक क्षेत्र में इसकी खेती की जाती है। (BS Hindi)
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