11 मई 2009
फ्लू की वजह से अंडा निर्यात में गिरावट
कोयंबटूर: पूर्वोत्तर में फैले बर्ड फ्लू और साल 2008-09 के ज्यादातर वक्त खाड़ी देशों में भारत से जाने वाले पोल्ट्री उत्पादों पर रोक लगाए जाने से नमक्कल जोन से अंडे के निर्यात में इस दौरान गिरावट दर्ज की गई है। गैर-प्रभावित इलाकों से अंडे के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नमक्कल के किसानों ने देश में पोल्ट्री के क्षेत्रों को एक दूसरे से अलग करने या हर राज्य को अलग जोन के तौर पर तैयार करने की मांग की है। नमक्कल जोन को भारत का पोल्ट्री हब माना जाता है। नमक्कल से होने वाले अंडा निर्यात में पिछले साल के मुकाबले 10.50 फीसदी की गिरावट आई है। नेशनल एग कोऑर्डिनेशन कमेटी (एनईसीसी) के आंकड़ों के मुताबिक नमक्कल रीजन से साल 2008-09 में 10,986 लाख अंडों का निर्यात किया गया, जबकि इससे एक साल पहले 12,228 लाख अंडों का निर्यात हुआ था। देश से निर्यात होने वाले कुल अंडा निर्यात में नमक्कल क्षेत्र की हिस्सेदारी करीब 90 फीसदी है। मध्य पूर्व के देशों में अंडे के निर्यात पर लगी रोक के चलते नमक्कल से अंडा निर्यात को झटके का सामना करना पड़ा है। मध्य पूर्व के देशों ने नमक्कल जोन में बर्ड फ्लू का एक भी मामला सामने न आने के बावजूद यहां से होने वाले अंडे के निर्यात पर रोक लगा दी है। नमक्कल के केएसपी फीड्स के के एस पोन्नस्वामी के मुताबिक, 'हम बर्ड फ्लू प्रभावित त्रिपुरा से हजारों किलोमीटर दूर हैं। इसके बावजूद हम मध्य पूर्व के देशों को अंडा निर्यात नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि पूरे देश को एक जोन की तरह माना जा रहा है।' भारत में फरवरी 2006 में पहली बार एवियान इंफ्ल्यूएंजा के मामले सामने आने के बाद से मौजूदा निर्यात में कमी आनी शुरू हो गई थी, लेकिन इससे घरेलू निर्यातकों को दूसरे देशों में कारोबार की तलाश करने का मौका भी मिला है। अंडा निर्यातकों ने अफगानिस्तान को ऐसे देश के तौर पर ढूंढ निकाला है। साल 2007-08 में प्रतिबंध हटने के बाद अफगानिस्तान और अफ्रीका में भारत से होने वाले अंडों का निर्यात दोगुना बढ़ गया। पिछले साल हालांकि केवल नवंबर में कुछ दिन अंडा निर्यात पर लगी रोक हटाई गई, लेकिन बाकी पूरे साल में अंडा निर्यात प्रभावित रहा। वीकेएस एक्सपोर्ट्स के प्रबंध निदेशक वी के एस शिवकुमार के मुताबिक, 'देश के खुद को 4 नवंबर 2008 को बर्ड फ्लू से मुक्त घोषित करने के बाद 11 नवंबर को इसका मामला सामने आया और इस तरह से पूरे साल मध्य पूर्व में अंडा आयात पर लगी रोक जारी रही।' रोक लगने से पहले तक नमक्कल जोन से खाड़ी देशों को नियमित तौर पर 30 लाख अंडों का निर्यात हो रहा था। ऑल इंडिया पोल्ट्री प्रोडक्ट्स एसोसिएशन के सचिव पी वाल्सन के मुताबिक सरकार को अंडा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पूरी इंडस्ट्री को सिंगल विंडो तंत्र के तहत लाने और पोल्ट्री डेवलपमेंट बोर्ड बनाने की जरूरत है। (ET Hindi)
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