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07 मई 2009

पेट्रोल में इथेनॉल मिलाना अब नहीं होगा जरूरी

नई दिल्ली: केंद्र सरकार पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने को अनिवार्य बनाने वाले प्रावधान को वापस ले सकती है। इथेनॉल की बढ़ती किल्लत और कर ढांचे के कारण गैर गन्ना उत्पादक राज्यों को इथेनॉल महंगा पड़ने के कारण सरकार यह कदम उठा सकती है। आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीआईए) ने अक्टूबर 2007 को पेट्रोल के साथ 5 फीसदी इथेनॉल के मिश्रण को जरूरी और 10 फीसदी मिश्रण को वैकल्पिक बना दिया था। सीसीआईए ने 20 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेश के लिए यह प्रावधान बनाया था। इसके बाद अक्टूबर 2008 में 10 फीसदी इथेनॉल के मिश्रण को जरूरी बना दिया गया। पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न लिखे जाने की शर्त पर बताया कि पेट्रोलियम, कृषि और रसायन एवं खाद मंत्रालय ने इथेनॉल के इस जरूरी मिश्रण का कार्यान्वयन टालने की सिफारिश की है और इस बारे में फैसला नई सरकार द्वारा लिया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा सरकार 10 फीसदी इथेनॉल (ई-10) मिश्रित पेट्रोल के ऑटोमोबाइल इंजन और पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव की रिपोर्ट का भी इंतजार कर रही है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड(बीआईएस) और सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के साथ मिलकर ई-10 के ऑटोमोबाइल इंजन पर पड़ने प्रभाव को जानने के लिए काम कर रही है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने न्यू एंड रेन्यूएबल एनर्जी (एमएनआरई) के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जिसमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे चीनी उत्पादक राज्यों में भी 5 फीसदी इथेनॉल मिश्रण प्रोग्राम (ईबीपी) को जरूरी करने के लिए कहा गया था। मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न लिखे जाने की शर्त पर बताया एमएनआरई इस बात के लिए सहमत हो गया है कि जब तक इथेनॉल को गुड्स (वस्तु) का दर्जा नहीं मिल जाता है, तब तक देश भर में इसके जरूरी मिश्रण को टाल दिया जाए। देश की संसद जब राज्यों के बीच कारोबार के लिए विशेष जरूरत के आधार पर किसी उत्पाद को गुड्स के दर्जे में शामिल करती है, तो इससे राज्यों के पास यह अधिकार नहीं होता है कि वह इस पर अतिरिक्त कर लगा सकें। बहुकर प्रणाली से बचाने के लिए ऐसे उत्पादों पर 4 फीसदी का केंद्रीय बिक्री कर लगाया जाता है। पेट्रोल के साथ 5 फीसदी इथेनॉल को मिलाने के लिए बीते तीन सालों में 180 करोड़ लीटर इथेनॉल की जरूरत पड़ी, जबकि तेल कंपनियां इस अवधि में केवल 140 करोड़ लीटर इथेनॉल की व्यवस्था ही कर सकीं। इथेनॉल की कुल खरीद जरूरत से आधी थी। (ET Hindi)

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