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09 मई 2009

मैंथा में नरमी का रुख

निर्यातकों की मांग घट गई है। इससे पिछले 10-12 दिनों में मैंथा तेल की कीमतों में करीब ढाई फीसदी की गिरावट आई है। माना जा रहा है कि जून में मैंथा की नई फसल आ जाएगी। बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी और अनुकूल मौसम को देखते हुए मैंथा तेल के उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है। ऐसे में यूरोप, अमेरिका और चीन के आयातकों की मांग कमजोर पड़ गई है। हाजिर बाजार में मैंथा तेल के भावों में आई गिरावट का असर वायदा बाजार पर भी देखा जा रहा है। इस दौरान मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर मई महीने के वायदा अनुबंध में एक फीसदी की गिरावट आई है।क्यों हो रही गिरावटनई फसल के उत्पादन में बढ़ोतरी को देखते हुए स्टॉकिस्टों ने पहले की तुलना में बिकवाली बढ़ा दी है। जबकि मांग कमजोर होने से हाजिर बाजार में मैंथा तेल के भाव में गिरावट आई है। हाजिर बाजार में आई गिरावट का असर वायदा बाजार भी देखा जा रहा है। कमोडिटी विशेषज्ञ अभय लाखवान ने बताया कि मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर मई महीने के वायदा सौदों में पिछले 12 दिनों में लगभग एक फीसदी की गिरावट आई है। एमसीएक्स पर मई महीने के वायदा भाव 543 रुपए प्रति किलो रह गए हैं। 27 अप्रैल को इसके भाव 549 रुपए किलो पर थे। एमसीएक्स पर मई महीने में 997 लॉट के सौदे खड़े हुए हैं।निर्यात मांग घटीएसेंशिएल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष जुगल किशोर के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रिस्टल बोल्ड के भाव घटकर 14 डॉलर प्रति किलो (सीएंडएफ) रह गए हैं। मार्च-अप्रैल महीने में निर्यातकों ने 15 डॉलर प्रति किलो पर सौदे किए थे। इस दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत होने से भी निर्यातकों को फायदा नहीं लग रहा है। जून महीने में आने वाली मेंथा की नई फसल को देखते हुए यूरोप और चीन के आयातकों ने खरीदारी कम कर दी है। इससे इसकी गिरावट को बल मिला है। मसाला बोर्ड के सूत्रों के अनुसार कारोबारी साल 2008-09 के (अप्रैल-08 से फरवरी-09) में देश से क्रिस्टल बोल्ड का निर्यात घटा है। साल 2008-09 के पहले 11 महीनों में देश से क्रिस्टल बोल्ड का 19,000 टन निर्यात हुआ है। बीते साल समान अवधि में इसका निर्यात 19,570 टन का हुआ था।नई फसल की आवकउत्तर प्रदेश मैंथा उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष फूल प्रकाश ने बताया कि पिछले साल फसल के समय मैंथा के भाव काफी तेज थे। इसलिए चालू सीजन में किसानों ने मैंथा की बुवाई ज्यादा क्षेत्रफल में की है। अगर मौसम नई फसल तक अनुकूल रहा तो चालू सीजन में मैंथा तेल के उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना है। पिछले वर्ष फसल की कटाई के समय बारिश होने से फसल प्रभावित हुई थी। नई फसल की आवक जून महीने के शुरू में बनेगी। जून मध्य तक आवकों का दबाव बन जाएगा। पिछले साल देश में मैंथा तेल का 32,000 टन उत्पादन हुआ था। चालू साल में इसका उत्पादन बढ़कर 38,000 से 40,000 टन होने की उम्मीद है। इसलिए नई फसल को देखते हुए स्टॉकिस्टों ने पहले की तुलना में बिकवाली भी बढ़ा दी है।भाव में कमजोरीसंभल के मैंथा व्यापारी अनुराग रस्तोगी ने बताया कि उत्पादक मंडियों में मैंथा तेल के भाव घटकर 577 रुपए किलो रह गए हैं। अप्रैल महीने के आखिरी सप्ताह में इसके भाव 592 रुपए प्रति किलो थे। इस दौरान क्रिस्टल बोल्ड के भाव में 20 रुपए की गिरावट होने से भाव 650 रुपये प्रति किलो तक बोले गए। मैंथा की प्रमुख उत्पादक मंडियों मसलन संभल, चंदौसी और बाराबंकी में मेंथा तेल की दैनिक आवक बढ़कर 250 (एक ड्रम 180 किलो) की हो गई है। अप्रैल महीने में इसकी दैनिक आवक 200 ड्रमों की हो रही थी। (Buisness Bhaskar....R S Rana)

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