May 12, 2009
अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य पदार्थों की कीमतों में साल 2008 के शीर्ष स्तर से भारी गिरावट आने के बावजूद अधिकांश विकासशील देशों में खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी नहीं आई है।
उल्लेखनीय है कि खाद्य पदार्थों के वैश्विक भंडार बढ़ने और निर्यात आपूर्ति सुधरने से साल 2008 की तुलना में खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी आई है। इससे विकासशील देशों के गरीबों की खाद्य पदार्थों तक की आर्थिक पहुंच सीमित हो गई है।
संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के 58 विकासशील देशों की कीमतों पर किए गए हालिया विश्लेषण के अनुसार 78 प्रतिशत मामलों में वर्तमान कीमतें एक साल पहले की तुलना में अधिक थीं और 43 प्रतिशत मामलों में कीमतें तीन महीने पहले की कीमतों की तुलना में अधिक थीं। 17 प्रतिशत देशों में खाद्य पदार्थों की घरेलू कीमतें वर्तमान में रिकॉर्ड स्तर पर हैं।
अफ्रीका के उप-सहारा क्षेत्र में कीमतों की स्थिति तो और भी बुरी है। यद्यपि और जगहों पर भी कीमतें अपेक्षाकृत अधिक हैं। उप-सहारा क्षेत्र में चावल की कीमतें फिलहाल एक साल पहले की तुलना में कहीं अधिक हैं। इस क्षेत्र के 71 प्रतिशत देशों में गेहूं की कीमतें एक साल पहले की तुलना में अधिक हैं।
अन्य क्षेत्र के विकासशील देशों की तुलना में एशिया में चावल की कीमतें अपेक्षाकृत अधिक हैं जबकि केंद्रीय और दक्षिण अमेरिकी क्षेत्र में गेहूं की कीमतें अधिक हैं। दूसरी तरफ, अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनाज की कीमतें वर्तमान में साल 2008 के शीर्ष स्तर से काफी नीचे चल रही हैं।
गेहूं की कीमतें साल 2008 के शीर्ष स्तर की तुलना में फिलहाल लगभग 37 प्रतिशत नीचे चल रहीं हैं जबकि चावल की 53 प्रतिशत नीचे हैं। पिछले एक साल में गेहूं की कीमतों में 39 प्रतिशत और चावल की कीमतों में 30 प्रतिशत की गिरावट आई है। अन्य अनाज जैसे मक्का और ज्वार की कीमतों में भी इस अवधि में क्रमश: 31 और 30 प्रतिशत की गिरावट आई है।
साल 2008 में अनाज उत्पादन में आई नाटकीय तेजी के कारण निर्यात में हुए महत्वपूर्ण सुधार से वैश्विक खाद्य पदार्थ बाजार में ये चलन देखने को मिल रहे हैं। एफएओ की गणना के अनुसार साल 2008 में वैश्विक अनाज उत्पादन रिकॉर्ड 22,890 लाख टन जो साल 2007 की तुलना में 20 लाख टन या 7 फीसदी अधिक है।
परिणामस्वरूप, साल 2008-09 के फसल सीजन के अंत तक वैश्विक अनाज का भंडार बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, साल 2009-10 में वैश्विक खाद्य उत्पादन साल 2008 के रिकॉर्ड स्तर से लगभग 3 फीसदी कम होने के आसार हैं। लेकिन, उत्पादन कम होने का प्रभाव अंतरराष्ट्रीय बाजार की कुल अनाज आपूर्ति पर अधिक नहीं होगा क्योंकि वर्तमान सीजन के भंडार का एक बड़ा हिस्सा अगले साल के लिए उपलब्ध होगा।
हालांकि, कम आय वाले, पहले से खाद्य पदार्थों की कमी झेल रहे देशों में सामूहिक तौर पर साल 2009 का अनाज उत्पादन साल 2008 के अच्छे स्तर जैसा रह सकता है। इसके बावजूद कम से कम 31 देशों में खाद्य पदार्थों की कमी होने की उम्मीद है।
एफएओ ने अगले साल अनाज उत्पादन में संभावति कमी के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना से इनकार किया है क्योंकि वर्तमान आर्थिक समस्याओं के कारण अनाजों की मांग प्रभावित होने की संभावना है, खास तौर से जानवरों के चारे और जैव-ईंधन के क्षेत्र से अनाज की मांग घटने का अनुमान है। इसलिए, आपूर्ति मांग की तुलना में अधिक बने रहने की संभावना है।
दाम घटे लेकिन कहां?
अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनाज की कीमतें अभी साल 2008 के शीर्ष स्तर से काफी नीचे चल रही हैं।एशिया में चावल की कीमतें अपेक्षाकृत अधिक हैं जबकि केंद्रीय और दक्षिण अमेरिकी क्षेत्र में गेहूं की कीमतें अधिक हैं। (BS Hindi)
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