नई दिल्ली May 15, 2009
गेहूं का वायदा कारोबार फिर शुरू होने जा रहा है। सरकार ने इस के वायदा कारोबार पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है।
इस संबंध में वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने सभी वायदा एक्सचेंजों को सूचित कर दिया है। वायदा एक्सचेंजों से कहा गया है कि वे एफएमसी से इजाजत लेकर गेहूं का वायदा कारोबार फिर से शुरू कर सकते हैं।
गेहूं के वायदा कारोबार पर फरवरी, 2007 में पाबंदी लगाई गयी थी। वायदा एक्सचेंजों ने गेहूं के वायदा कारोबार के लिए तैयारी शुरू कर दी है और जल्द ही इसकी शुरुआत की उम्मीद की जा रही है। गेहूं के साथ चावल, अरहर व उड़द दाल के वायदा कारोबार पर भी पाबंदी लगा दी गयी थी।
उस समय इन जिंसों की कीमत पर नियंत्रण के लिए सरकार की तरफ से यह फैसला किया गया था। एनसीडीईएक्स के प्रवक्ता के मुताबिक उन्हें गेहूं का वायदा कारोबार शुरू करने के संबंध में एफएमसी से लिखित सूचना मिल गयी है और वे इसकी तैयारी भी शुरू की जा चुकी है। जल्द से जल्द गेहूं का वायदा शुरू हो जाएगा।
माना जा रहा है कि महंगाई दर में लगातार हो रही कमी एवं गेहूं की बंपर फसल के कारण सरकार ने फिर से इसके वायदा कारोबार की इजाजत दी है। वर्ष 2007-08 के दौरान गेहूं का कुल उत्पादन 7.8 करोड़ टन रहा तो वर्ष 2008-09 के दौरान 7.7 करोड़ टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है।
पिछले साल सरकार ने 2.2 करोड़ टन गेहूं की खरीदारी की थी। मूल्य नियंत्रण के लिए सरकार ने गेहूं के निर्यात पर भी पाबंदी लगा रखी थी। लेकिन फिलहाल सरकारी गोदामों में गेहूं के बंपर स्टॉक के कारण इसके वायदा कारोबार को फिर से खोल दिया गया है।
देश के कई हिस्सों में गेहूं की बिक्री इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य 1080 रुपये प्रति क्विंटल से भी कम कीमत पर हो रही है। दिल्ली की अनाज मंडी में भी गेहूं की कीमत एमएसपी या उससे कम स्तर पर बनी हुई है। सरकार का यह फैसला उस समय आया है जब वास्तव में कोई सरकार नहीं है। (BS Hindi)
16 मई 2009
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