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05 मई 2009

सरकारी कंपनियों का दलहन आयात विदेशी तेजी से धीमा

वित्त वर्ष 2008-09 में सरकारी कंपनियों ने 10.25 लाख टन दालों का आयात किया है जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 13.51 लाख टन के मुकाबले कम है। आयातित दालें महंगी होने से इनके आयात में कमी आई है। इस दौरान प्राइवेट आयातकों ने भी मात्र पांच से छह लाख टन दालें आयात की हैं। घरेलू पैदावार में कमी और आयातित दालें महंगी होने से इस समय घरेलू बाजारों में भाव तेज बने हुए हैं। आगामी दिनों में मानसून कैसा रहता है, इसी पर दालों की तेजी-मंदी काफी हद तक निर्भर करेगी।सूत्रों के अनुसार सरकारी कंपनियों एसटीसी, एमएमटीसी, पीईसी और नेफेड ने वित्त वर्ष 2008-09 में 10.25 लाख टन दालों का आयात किया है। जबकि 15 लाख टन आयात होने की संभावना थी। प्रतिकूल मौसम से घरेलू पैदावार में पिछले साल के मुकाबले कमी आने की संभावना है। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक वर्ष 2008-09 में देश में दालों की पैदावार 147 लाख टन से घटकर 142 लाख टन होने की संभावना है। जबकि पैदावार का लक्ष्य 156 लाख टन का था। देश में दालों की सालाना खपत 165-170 लाख टन की होती है। वर्ष 2008-09 में देश में दालों की बुवाई 104.18 लाख हैक्टेयर में ही हुई जबकि वर्ष 2007-08 में 123.02 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। दलहन के प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में प्रतिकूल मौसम से बुवाई में ज्यादा कमी आई थी।दलहन आयातक संतोष उपाध्याय ने बताया कि आयातित उड़द के भाव मुंबई पोर्ट पर 570 डॉलर प्रति टन बोले जा रहे हैं जबकि देसी उड़द के भाव जलगांव में 3200-3300 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। अप्रैल महीने में म्यांमार से आयातित उड़द के भावों में लगभग 80 डॉलर की तेजी आ चुकी है। म्यांमार में उड़द की फसल मार्च-अप्रैल महीने में आती है तथा चालू फसल सीजन में वहां 3.5 लाख टन उड़द का उत्पादन होने की संभावना है। अरहर के भावों में भी इस दौरान 150 डॉलर की तेजी आकर भाव 750-800 डॉलर प्रति टन हो गए। घरेलू मंडियों में देसी अरहर के भाव 3800-3850 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। म्यांमार में तुअर की नई फसल की आवक जनवरी-फरवरी में होती है तथा इस समय वहां मात्र 50,000 टन का ही स्टॉक बचा हुआ है। इसी तरह से आयातित मूंग के भाव 760-770 डॉलर प्रति टन चल रहे हैं तथा इसमें भी पिछले एक महीने में लगभग 140-150 डॉलर प्रति टन की तेजी आ चुकी है।जलगांव दाल मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कोगता ने बताया कि आगामी दिनों में मानसून अच्छा रहा तो दालों के मौजूदा भावों में हल्की गिरावट आ सकती है। लेकिन अगर बारिश सामान्य से कम रही तो फिर भाव तेज ही बने रहेंगे। उत्पादक मंडियों में रबी दलहनों चना, मसूर और मटर की आवक हो रही है तथा अन्य दालों की तेजी को देखते हुए इनके मौजूदा भावों में गिरावट के आसार नहीं है। उत्पादक मंडियों में चने के भाव 2000-2100 रुपये और मसूर के भाव 3750 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। (Business Bhaskar...R S Rana)

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