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01 मई 2009

निर्यात की शामत से सर्राफा कारोबारियों को राहत

नई दिल्ली : पिछले साल अक्टूबर से इस साल फरवरी के बीच भारत से अमेरिका को होने वाले जेम्स एंड ज्वैलरी निर्यात में 34.8 फीसदी की भारी गिरावट देखने में भले ही बहुत निराशाजनक आंकड़ा लगे, लेकिन दिल्ली- एनसीआर के सर्राफा व्यापारियों के लिए इसमें कहीं ना कहीं खुशखबरी छिपी है। निर्यात में भारी गिरावट के कारण मुंबई के कई बड़े निर्यातक घरेलू बाजार का रुख कर चुके हैं। दिल्ली से भी हाईएंड ज्वैलरी का निर्यात करने वाले कारोबारी अगले कुछ दिन में ऐसा करने को मजबूर हो सकते हैं। घरेलू बाजार में निर्यातकों के प्रवेश का पहला असर तो हीरे के आभूषणों की कीमत में 10 से 15 फीसदी की कमी के रूप में दिखा है। बाजार में जेवरों की सप्लाई बढ़ने का दूसरा असर छोटे सर्राफों को अपेक्षाकृत कम कीमत पर जेवरों की उपलब्धता के रूप में दिख रहा है। ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी फैडरेशन के अध्यक्ष दिनेश जैन ने बड़े निर्यातकों के भारतीय बाजार का रुख करने की पुष्टि की है। जैन ने ईटी को बताया, 'अमेरिका बाजार में जेम्स एंड ज्वैलरी की मांग में लगातार कमी आने के बाद देश के प्रमुख निर्यातकों ने घरेलू बाजार का रुख किया है। कई साल में यह पहला मौका है जब जेम्स एंड ज्वैलरी निर्यातक भारतीय बाजार का रुख करने को मजबूर हुआ है। इस ताजा पहल से घरेलू बाजार में जेम्स एंड ज्वैलरी की सप्लाई बढ़ना तय है। इससे एक तो रीटेलर्स को सस्ते जेवर मिलेंगे और कुछ फायदा उपभोक्ता को भी पहुंचेगा।' उपभोक्ता को किस तरह का फायदा मिलेगा, इस बारे में जैन ने कहा, 'सोने की कीमतें तो इस समय मांग-सप्लाई के मूल सिद्धांत से तय होती नहीं दिख रही हैं। इसलिए उपभोक्ता को जो फायदा होगा वह जेवर की बनवाई पर होने वाले खर्च में कमी के रूप में होगा। दूसरा फायदा यह है कि ज्यादातर निर्यातक मशीन से बने जेवर ही बाहर भेजते थे। अब ये जेवर घरेलू बाजार में उपलब्ध होंगे। इन जेवरों की फिनिशिंग बेहतर और कीमत कम होगी।' अमेरिका को निर्यात होने वाले जेवरों में हीरे के आभूषणों की बड़ी हिस्सेदारी है। इस सिगमेंट पर निर्यात गिरावट के असर के बारे में चांदनी चौक के दरीबा के सर्राफ तरुण गुप्ता ने ईटी को बताया, 'अमेरिकी निर्यात में गिरावट के बाद से हीरे के आभूषणों की कीमतों में अब तक 10 से 15 फीसदी की कमी आई है। भारत में सामान्य तौर पर हीरा 6,000 रुपए से 15,000 रुपए प्रति कैरेट की कीमत पर उपलब्ध है। लेकिन अमेरिका को जिस तरह के जेवरों का निर्यात होता है उसमें 10,000 से 12,000 रुपए प्रति कैरेट भाव का हीरा लगता है। इसी रेंज के हीरे के आभूषणों की कीमत में यह कमी देखने को मिली है।' (ET Hindi)

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