कोच्चि January 27, 2009
नारियल तेल ने इस सप्ताह की शुरुआत धमाकेदार तरीके से की और 57,00 रुपये प्रति क्विंटल पर खुला।
पिछले हफ्ते नारियल तेल की कीमतें जमीन पर आ गई थी, और आवक में बढ़ोतरी की वजह से इसकी कीमत 56,00 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई। केरल में खोपरा उत्पादन का मौसम शुरू हो गया है, लेकिन अन्य केंद्रों पर उत्पादन अभी जोर नहीं पकड़ पाया है। कीमतों को देखते हुए इस समय तेल और खोपरा दोनों ही के कारोबारियों पर इस समय बिकवाली का दबाव है। उत्पादकों के मुताबिक फरवरी के मध्य तक पूरे केरल में उत्पादन शबाब पर होगा। इसलिए अभी कीमतें कुछ समय तक 5,600 रुपये प्रति क्विंटल के नीचे जाने की कोई उम्मीद नहीं है।राज्य के तटीय इलाकों में कोपरा का उत्पादन होता है, लेकिन नारियल की कमी की वजह से इसके उत्पादन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। केरल में नारियल की भारी मांग है और कर्नाटक जैसे पड़ोसी राज्यों से भी भारी मांग है। इसलिए उत्पादक 6-7 रुपये प्रति नग के हिसाब से नारियल बेचना ज्यादा मुफीद समझ रहे हैं। इसकी वजह से कोपरा का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। नारियल तेल के डीलरों ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि कीमतों में इसलिए कमी आई है, क्योंकि तमिलनाडु से कम कीमतों पर नारियल की आवक हो रही है। तमिलनाडु से 5,500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से नारियल तेल आ रहा है। इस महीने की 8 तारीख को कोच्चि के बाजार में नारियल तेल की कीमतें 59,00 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई थीं, लेकिन इसकी कीमतें 5,600 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम स्तर पर भी आईं। दिसंबर 08 के दौरान कीमतें 6,000 रुपये प्रति क्विंटल के आंकड़े को भी पार कर गई थीं। कीमतों में आ रही कमी की वजह से पाम आयल के बाजार को गंभीर खतरा है। थोक बाजार में पाम आयल की कीमतें 3,400 रुपये प्रति क्विंटल है। अगर नारियल तेल की आपूर्ति में बढ़ोतरी होती है तो पाम आयल की कीमतें अपने आप जमीन पर आ जाएंगी। (BS HIndi)
29 जनवरी 2009
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