21 जनवरी 2009
चीनी उत्पादन 30 फीसदी घटने की आशंका: पवार
नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा सीजन में चीनी उत्पादन 30 फीसदी गिरकर 1.8 करोड़ टन ही रह सकता है। हालांकि सरकार ने आश्वासन दिया कि इसके बावजूद देश में उपभोक्ताओं के लिए पर्याप्त मात्रा में चीनी उपलब्ध होगी। 2007-08 सत्र (सितंबर से अक्टूबर) में भारत का चीनी उत्पादन 2.64 करोड़ टन था। खाद्य एवं कृषि मंत्री शरद पवार ने बताया, 'पिछले साल के मुकाबले इस बार उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में गन्ने में सुक्रोज की प्रतिशत मात्रा एक फीसदी कम रहने का अनुमान है। गन्ने से प्राप्त होने वाली चीनी की मात्रा में भी गिरावट आई है।' उन्होंने कहा कि ये राज्य देश के प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्य हैं, इस कारण 2.2 करोड़ टन का अनुमानित उत्पादन घटकर 1.8 करोड़ टन रहने की आशंका है। हालांकि पवार ने कहा, 'चिंता करने की कोई बात नहीं है क्योंकि पिछले साल का बचा स्टॉक पर्याप्त है। देश को जितनी भी चीनी की जरूरत होगी, उसे घरेलू बाजार से ही पूरा किया जा सकेगा।' सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले साल का बचा स्टॉक 1.1 करोड़ टन जबकि इंडस्ट्री के अनुमान के मुताबिक 90 लाख टन है। देश में चीनी की सालाना जरूरत 2.2 करोड़ टन है। बहरहाल भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की सालाना आम बैठक के दौरान बातचीत में पवार ने कहा कि पिछले साल के बचे स्टॉक के मामले में इंडस्ट्री का 90 लाख टन का अनुमान 'गलत' है। उन्होंने कहा, 'हम आबकारी विभाग से आंकड़े मंगा रहे हैं। अगर उद्योग जगत से कोई एक्साइज डिपार्टमेंट को गलत आंकड़े दे रहा है तो बात अलग है। मेरा मानना है कि इस स्तर पर कोई नहीं जाएगा।' गन्ना उपलब्ध न होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि केवल 10-15 फीसदी मिलें ही मौजूदा पेराई सीजन के अंत तक पेराई का काम कर सकेंगी। पवार ने कहा, 'हमने सोमवार को चीनी की स्थिति की समीक्षा की। आमतौर पर गन्ने का पेराई सीजन अप्रैल के अंत तक जारी रहता है, लेकिन इस बार अनुमान लगाया गया है यह फरवरी के अंत या मार्च के पहले सप्ताह तक ही चलेगा। केवल 10-15 फीसदी मिलें ही अप्रैल के अंत तक पेराई जारी रख सकेंगी।' कृषि मंत्री ने यह संकेत भी दिया कि सरकार घरेलू बिक्री के लिए कच्ची चीनी के सशर्त आयात की अनुमति पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा, 'शर्तों के साथ हम कच्ची चीनी के आयात को अनुमति देने के बारे में जल्द निर्णय ले लेंगे।' पवार ने रिफाइंड चीनी के आयात की संभावना से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि फिलहाल आयात की कोई जरूरत नहीं है। (ET Hindi)
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