29 जनवरी 2009
घरेलू खाद्य तेल उत्पादन से 46त्न मांग पूरी होगी
वर्ष 2008-09 के दौरान भारत में 70.4 लाख टन खाद्य तेलों का उत्पादन होने की संभावना है। इससे भारत की सिर्फ 46 फीसदी आवश्यकता ही पूरी हो सकेगी।अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) के अनुसार भारत कुल 130 लाख टन खाद्य तेलों की जरूरत होती है। यूएसडीए के विश्लेषण के अनुसार पिछले तीन सालों से भारत का खाद्य तेल उत्पादन 69.9 से 71.6 लाख टन के बीच रहा है। दूसरी ओर आयातित तेलों पर भारत की निर्भरता लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2006-07 में भारत में 55.3 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया गया जबकि वर्ष 2008-09 में यह आंकड़ा बढ़कर 58.7 लाख टन तक पहुंच गया। भारत में पिराई के लिए 275.4 लाख टन तिलहन सुलभ होंगे।वर्ष 2008-09 में 338.5 लाख टन तिलहनों का उत्पादन होने का अनुमान है। यह उत्पादन पिछले साल से थोड़ा कम होगा। दूसरी ओर विश्व स्तर पर तिलहनों की मांग उत्पादन से ज्यादा रहने की संभावना है। विश्व स्तर पर 1306.6 लाख टन तिलहनों की मांग रह सकती है जबकि उत्पादन 1334.9 लाख टन के आसपास रहेगा। इस तरह उपलब्धता मांग से कहीं ज्यादा रहेगी। विश्व स्तर पर पाम तेल की मांग दूसर खाद्य तेलों से कहीं ज्यादा रहेगी। पाम की मांग बढ़कर 422.2 लाख टन रह सकती है जबकि पिछले साल इसकी मांग 400 लाख टन रही थी। सोयाबीन की मांग में गिरावट आ सकती है। इसकी मांग घटकर 371.8 लाख टन रहेगी। रपसीड की वैश्विक मांग 196.1 लाख टन, नारियल की मांग 36.3 लाख टन, ओलिव ऑयल की मांग 47.7 लाख टन, मूंगफली की मांग 50.1 लाख टन और सूरजमुखी की मांग 107.1 लाख टन रह सकती है। (Business Bhaskar)
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