31 जनवरी 2009
प्याज निर्यात के लिए नाफेड ने न्यूनतम मूल्य घटाया
आने वाले दिनों में घरलू बाजारों में प्याज की कीमतों में और इजाफा देख जा सकता है। दरअसल नाफेड ने प्याज का निर्यात बढ़ाने के लिए इसके न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) में 60 डॉलर प्रति टन की कटौती कर दी है। पिछले साल के दौरान नाफेड ने प्याज के निर्यात को हतोत्साहित करने के लिए एमईपी में लगातार इजाफा किया था। गौरतलब है कि मौजूदा समय में घरलू बाजारों में प्याज करीब 18 रुपये प्रति किलो चल रहा है। जबकि पिछले साल इस अवधि के दौरान प्याज के भाव दस रुपये से भी कम थे। जानकारों के मुताबकि प्याज का निर्यात बढ़ने और कई उत्पादक इलाकों में पैदावार घटने की संभावना से कीमतें बढ़ी हैं। इस दौरान नाफेड ने प्याज के एमईपी में 60 डॉलर की कमी कर इसे 320-325 डॉलर प्रति टन कर दिया है। पिछले तीन महीनों में पहली बार एमईपी घटाई गई है। नाफेड के सूत्रों का मानना है कि खरीफ प्याज की आवक फरवरी में शुरु हो जाएगी। ऐसे में घरलू बाजारों में उपलब्धता पर्याप्त रहेगी। हालांकि महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के कई उत्पादक इलाकों में खराब मौसम की वजह से प्याज की पैदावार में करीब 20 फीसदी की कमी आने की आशंका जताई जा रही है। सरकारी अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत से करीब 15 लाख टन प्याज का निर्यात होने की संभावना है। पिछले साल के दौरान निर्यात बढ़ने और घरलू बाजारों में भाव बढ़ने की वजह से नवंबर से इस साल जनवरी तक नाफेड ने प्याज के एमईपी में करीब 150 डॉलर का इजाफा किया था। मौजूदा समय में नाशिक में रोजाना करीब 45-60 हजार टन प्याज की आवक हो रही है। वहीं दिल्ली में रोजाना करीब आठ हजार टन आवक हो रही है। जो एक महीने पहले की आवक से ज्यादा है। मौजूदा समय में महाराष्ट्र के लासलगांव में प्याज का थोक भाव करीब 935 रुपये `िं टल और दिल्ली में करीब 1130 रुपये `िंटल चल रहा है। मौजूदा एमईपी दरों पर दुबई और शारजांह में प्याज का निर्यात बढ़ सकता है। (Business Bhaskar)
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