30 जनवरी 2009
एमएसपी बढ़ने से उपभोक्ताओं को 8 फीसदी महंगा मिलेगा गेहूं
केंद्र सरकार ने चालू रबी सीजन के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 80 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर किसानों को राहत तो दे दी है लेकिन इससे देश में गेहूं का औसत थोक भाव करीब 100 रुपये प्रति क्विंटल (करीब 8 फीसदी) बढ़ जाएगा। इससे आम उपभोक्ताओं का खाने का बजट बढ़ना तय है। सरकार ने इस साल एमएसपी 1080 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।पिछले साल भी एमएसपी में अच्छी बढ़ोतरी के परिणामस्वरूप ही पिछले साल देश में गेहूं की रिकार्ड 784 लाख टन की पैदावार हुई थी। चालू सीजन में बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हुई है। नई फसल की आवक तक मौसम ने साथ दिया तो चालू सीजन में भी गेहूं का उत्पादन पिछले साल ेसे भी ज्यादा रहेगा। रोलर फ्लोर मिल फेडरेशन ऑफ इंडिया की सचिव वीणा शर्मा ने बताया कि गेहूं के एमएसपी में हुई 80 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी से नई फसल की आवक के समय गेहूं के भावों में लगभग 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी बन सकती है। एफसीआई को खुले बाजार में बिक्री के लिए 10 लाख टन गेहूं फरवरी महीने तक फ्लोर मिलों को देना है। जबकि इसमें से अभी तक मात्र 4.70 लाख टन गेहूं का ही उठान हो पाया है। अभी तक चूंकि खुले बाजार में गेहूं की आवक हो रही थी और भाव भी ज्यादा ऊपर नहीं थे, इसलिए मिलें एफसीआई का गेहूं कम उठा रही थी लेकिन अब खुले बाजार में गेहूं का भाव बढ़ गया है और एफसीआई का गेहूं सस्ता पड़ रहा है। ऐसे में अगले तीन महीने तक फ्लोर मिलें एफसीआई का ही गेहूं उठाएंगी। अगली फसल आने पर गेहूं का भाव बढ़ने की संभावना से भी मिलें एफसीआई से माल उठाने में ज्यादा रुचि ले सकती हैं।चालू फसल सीजन में देश में गेहूं की बुवाई बढ़कर 275.5 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में इसकी बुवाई 273.63 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। अभी तक मौसम भी फसल के अनुकूल ही चल रहा है। एक अप्रैल को सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टॉक 98.97 लाख टन बचने की संभावना है जोकि तय बफर स्टॉक 40 लाख टन के दोगुने से भी ज्यादा है। पिछले वर्ष एफसीआई ने एमएसपी पर 226 लाख टन गेहूं की खरीद की थी। नए सीजन में केंद्र ने गेहूं की खरीद का लक्ष्य 200 लाख टन रखा है। लेकिन एसएसपी में बढ़ोतरी और पैदावार अच्छी होने से एफसीआई की खरीद पिछले वर्ष से भी ज्यादा होने की संभावना है। एमएसपी बढ़ने से गेहूं का औसत थोक भाव बढ़ने की संभावना से व्यापारी ही सहमत दिखाई दे रहे हैं। थोक व्यापारी कमलेश जैन का मानना है कि अगली फसल बाजार में आने के बाद गेहूं के भाव पिछले साल से हर हाल में ज्यादा रहेंगे। बाद में भले ही सप्लाई का दबाव बढ़ने में कोई गिरावट आए।दिल्ली की फ्लोर मिलों ने 25 हजार टन गेहूं की निविदा भरीनई दिल्ली। दिल्ली की फ्लोर मिलों ने 25 हजार टन गेहूं लेने के लिए निविदा भरे हैं। इस समय दिल्ली की फ्लोर मिलों को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा 1029.20 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर गेहूं उपल्बध कराया जा रहा है। मिलों ने निविदा 1029.50 रुपये से 1040 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भरी है। इस मूल्य पर एफसीआई का गेहूं मिल पहुंच 1040 से 1060 रुपये प्रति क्विंटल में पड़ेगा। खुले बाजार में गेहूं के भाव 1185 से 1190 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। खुले बाजार में गेहूं की दैनिक आवक मात्र पांच से छ: हजार बोरियों की हो रही है। इसलिए मिलें एफसीआई का ही गेहूं ज्यादा उठा रही हैं। फरवरी महीने तक एफसीआई द्वारा दिल्ली की मिलों को एक लाख टन गेहूं निविदा के माध्यम से रिलीज करना है। (Business Bhaskar.....R S Rana)
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