29 जनवरी 2009
कपास खरीद से सीसीआई को 500 करोड़ का घाटा
भारतीय कपास निगम (सीसीआई) को वर्ष 2008-09 के दौरान ऊंचा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) होने के कारण करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। सीसीआई ने 500 करोड़ रुपये के इस घाटे की भरपाई की सरकार से मांग की है। उसने सरकार से 2000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की और मांग की है ताकि कपास की खरीद का काम पूरा किया जा सके।सीसीआई के चैयरमेन और प्रबंध निदेशक सुभाष ग्रोवर ने बताया कि वित्त वर्ष 2008-09 के लिए सरकार से 500 करोड़ रुपये संभावित घाटे की भरपाई के लिए मांग की गई है। इसके अलावा 2000 करोड़ रुपये की और वित्तीय मदद मांगी गई है। ग्रोवर का कहना है कि निगम ने एमएसपी पर कपास की खरीदारी की है। लेकिन घरेलू और वैश्विक बाजार में इसके दाम कम रहने से निगम को ऊंचे एमएसपी पर खरीद करने से नुकसान हुआ है। निगम ने कल तक 62 लाख गांठ (एक गांठ 170 किलोग्राम) की खरीदार हो चुकी है।घरेलू कारोबारी एमएसपी से कम दामों पर कपास की खरीदारी के कारण किसान कपास की बिक्री निगम को अधिक कर रहे है। जिसकी वजह से इस कपास की खरीदारी 80-90 लाख बेल्स पहुंचने का अनुमान है। निगम ने वित्त वर्ष 2007-08 में 27.5 लाख बेल्स की खरीदारी की थी। लेकिन सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए स्टेंडर्ड कपास के लिए एमएसपी को पिछले साल के 2030 रुपये क्विंटल से बढ़ाकर 3000 रुपये और मीडियम कपास के लिए पिछले साल के 1800 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये क्विंटल कर दिया है। सीसीआई ने इस महीने रोजाना 75-95 हजार बेल्स की खरीदारी की है। (BS Hindi)
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