भोपाल January 23, 2009
कपास बीज क्रशिंग उद्योग और रुई की ओटाई तथा प्रसंस्करण इकाइयां सरकार के कपास के बीज पर प्रवेश शुल्क लगाए जाने का जोरदार विरोध कर रही हैं।
राजस्व के संकट से जूझ रही सरकार ने कपास के बीज पर प्रवेश शुल्क लगाने का फैसला किया था, जो इस महीने से लागू होना है। राज्य में कपास बीज के क्रशिंग की करीब 500 इकाइयां हैं, जिनका कुल कारोबार 2500 करोड़ रुपये का है। मध्य प्रदेश काटन सीड क्रशर्स एसोसिएशन ने कहा कि प्रवेश शुल्क एक और अतिरिक्त कर है, जो तमाम अन्य करों में जुड़ जाएगा। राज्य सरकार पहले ही 4 प्रतिशत वैट और 2 प्रतिशत मंडी कर लगाया है। (BS Hindi)
24 जनवरी 2009
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