नई दिल्ली January 21, 2009
सरकार ने लगभग 2 साल से चावल और गेहूं के वायदा कारोबार लगे प्रतिबंध को खत्म करने से साफ इनकार कर दिया है। इसके अलावा सरकार की कच्चे पाम तेल पर आयात शुल्क लगाने की भी कोई योजना नहीं है।
खाद्य एवं कृषि मंत्री शरद पवार ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भविष्य में गेहूं और चावल के वायदा कारोबार की इजाजत देने की कोई योजना नहीं है। सरकार ने चावल, गेहूं, तूर और उड़द के वायदा कारोबार पर वर्ष 2007 में ही प्रतिबंध लगा दिया था। मई 2008 में ही घरेलू आपूर्ति को बनाए रखने और बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए 4 और चीजों पर प्रतिबंध लगा दिया गया। हालांकि चना, आलू, रबर और सोयातेल पर लगे प्रतिबंधों को 30 नवंबर से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सका। लेकिन इसके अलावा दूसरे 4 खाद्य पदार्थो पर लगे प्रतिबंध को खत्म नहीं किया गया। पवार ने कच्चे पाम तेल के आयात पर भी शुल्क लगाने से साफ इनकार कर दिया। उनका कहना है, 'तेलबीजों की कीमतें अब भी न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी ज्यादा है और दुनिया के बाजारों में भी कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ रही हैं।' दुनिया भर के बाजारों में कच्चे पाम तेल की कीमतों में 12 दिसंबर से 12 जनवरी के बीच 17.58 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। (BS Hindi)
22 जनवरी 2009
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