29 जनवरी 2009
सूरजमूखी तेल की कीमतें 8 साल के निचले स्तर पर पहुंची
नई दिल्ली : सूरजमुखी का तेल अब मॉड्यूलर किचेन की चारदीवारियों से निकलकर आम आदमी की रसोई में भी अपनी खुशबू बिखेरने लगा है। दरअसल सरकार ने सूरजमुखी तेल को सीमा शुल्क से मुक्त क्या किया, भारी मात्रा में हुए आयात ने इसकी खुदरा कीमतों की हवा ही निकाल दी। हालत यह है कि सालों से उच्चवर्गीय परिवारों की रसोई का हिस्सा माने जाने वाले इस प्रीमियम तेल के दाम आठ साल के न्यूनतम स्तर पर आ गए हैं। यानी दिल का दोस्त अब आम लोगों का भी हमदम बन गया है। केवल 60 रुपए प्रति किलोग्राम के भाव से बिक रहे सूरजमुखी तेल ने कई शहरी रसोई घरों से सोया और मूंगफली के तेल का साम्राज्य ध्वस्त कर दिया है। कीमत के अलावा सूरजमुखी तेल के ग्राहकों के लिए बोनस यह है कि इसमें अब उन्हें शुद्धता की गारंटी भी मिल सकती है। अब तक सूरजमुखी का तेल इतना महंगा होता था कि ब्रांड इन्हें सोया तेल मिलाकर बेचा करते थे लेकिन नए समीकरणों के लिहाज से इस तरह की कवायद बेमानी हो गई है। भारत में आम तौर पर हर साल 12 लाख टन सूरजमुखी तेल की खपत होती है। देश में खाद्य तेल बनाने वाले सबसे बड़े ब्रांड 'फॉर्च्यून' की उत्पादक कंपनी अदानी विल्मर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हमने पिछले कुछ हफ्तों में सूरजमुखी तेल की अधिकतम खुदरा कीमतों में भारी कमी की है। इसके सबसे बड़े बाजार मुंबई में हमने इसका दाम घटाकर 55 रुपए प्रति किलोग्राम कर दिया है।' लेकिन सूरजमुखी तेल के प्रीमियम ब्रांड बेचने वाली कई कंपनियां दाम घटाने के बजाय उसी दाम में अतिरिक्त मात्रा के प्रमोशनल ऑफर को तरजीह दे रही हैं। एक प्रमुख सनफ्लावर तेल ब्रांड के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'किसी महंगे ब्रांड के लिए एकाएक कीमतें कम करना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि ऐसे में उपभोक्ताओं को कई तरह के संदेह होने लगते हैं।' मुंबई के सूत्रों का कहना है कि सीमा शुल्क शून्य किए जाने के कारण आयातित सूरजमुखी का तेल आयातित सोया और घरेलू मूंगफली के तेल के मुकाबले कम से कम 3 रुपए प्रति किलोग्राम सस्ता पड़ने लगा है। अगर शुल्क शून्य के स्तर पर बना रहा तो अगले चार महीनों में रूस और यूक्रेन से करीब 4 लाख टन सूरजमुखी का तेल आयात होगा। हालांकि घरेलू कीमतों में और गिरावट आने की संभावना कम है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय कीमतों में पहले ही बढ़ोतरी दिखने लगी है। पिछले साल रेकॉर्ड अंतरराष्ट्रीय कीमतों के कारण कच्चे सूरजमुखी तेल के आयात में 90 फीसदी की गिरावट आई थी। (BS Hindi)
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