नई दिल्ली January 15, 2009
देश में वर्ष 2008-09 में गेहूं का भारी उत्पादन होने का अनुमान है जो पिछले साल के 7.84 करोड़ टन के रिकॉर्ड से ऊपर जा सकता है। इस साल गेहूं की ज्यादा बुआई होने से कुल उत्पादन, पिछले साल से ऊंचा रहने की उम्मीद है।
कृषि सचिव टी. नंदकुमार ने एक समारोह में कहा है कि गेहूं उत्पादन पिछले साल के मुकाबले थोड़ा अधिक रहेगा। गेहूं का क्षेत्रफल भी मामूली रूप से अधिक रहने की संभावना है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि फरवरी का मौसम यह तय करेगा कि उत्पादन वृद्धि कैसी रहेगी। गेहूं की बुआई का क्षेत्रफल मामूली रूप से बढ़कर 8 जनवरी तक 269.7 लाख हेक्टेयर होगया जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 265.76 लाख हेक्टेयर था। गेहूं का क्षेत्रफल वर्ष 2007-08 के रबी सत्र में रिकॉर्ड 281.5 लाख हेक्टेयर के स्तर को छू गया। हालांकि अब गेहूं की बुआई का काम समाप्ति की ओर है। इसे देखते हुए सरकार को इस साल गेहूं बुआई का क्षेत्रफल 290 लाख हेक्टेयर बढाने का लक्ष्य पूरा नहीं हो सकता है। कुमार की मानें तो इस साल 24 लाख हेक्टेयर का क्षेत्रफल गेहूं बुआई में गया है। लेकिन किसानों ने सरसों और चना जैसी अन्य फसलों की बुआई शुरू की है। बेहतर बुआई के कारण सरसो का उत्पादन भी पिछले साल के मुकाबले अधिक रहने की संभावना है। 8 जनवरी तक सरसों बुआई का क्षेत्रफल बढ़कर 66.24 लाख हेक्टेयर रहा। पिछले साल इसी अवधि में यह 57.74 लाख हेक्टेयर था। वर्ष 2007-08 में कृषि में रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन और 4.5 फीसदी का रिकॉर्ड वृद्धि दर हासिल की है लेकिन यह विस्तार इस वर्ष मंदा हो सकता है। दूसरी तरफ योजना आयोग के सदस्य अभिजित सेन ने कहा है कि कृषि क्षेत्र में वर्ष 2008-09 में तीन प्रतिशत की दर वृद्धि हो सकती है। यह अनुमान प्रधानमंत्री की आर्थिक परिषद के अनुमानित 2 प्रतिशत वृद्धि दर की भविष्यवाणी से अधिक है। वहीं कृषि मंत्रालय को उम्मीद है कि चालू वित्तीय वर्ष में वृद्धि चार प्रतिशत रहेगी। (BS Hindi)
16 जनवरी 2009
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