29 जनवरी 2009
चीनी आयात में छूट पर आज विचार करेगी सरकार
देश में चीनी उत्पादन घटने की संभावना को देखते हुए सरकार आयातित शुल्क मुक्त चीनी (रॉ शुगर) घरेलू बाजार में बेचने के बारे में मिलों को बुधवार को अनुमति दे सकती है। एक सरकारी अधिकारी के अनुसार विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की केबिनेट कमेटी (सीसीईए) बुधवार को होने वाली बैठक में इस मुद्दे पर विचार कर सकती है। इस अधिकारी ने बताया सीसीईए इस बैठक में रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी विचार कर सकती है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की गैर मौजूदगी में होने वाली सीसीईए की यह पहली बैठक होगी। इस समय सरकार शुल्क मुक्त चीनी (रॉ शुगर) आयात की अनुमति इस शर्त के साथ देती है कि रिफाइनिंग के बाद इस चीनी को निर्यात किया जाए।यह निर्यात चीनी मिलों को आयात के दो साल के भीतर करना होता है। यह चीनी घरेलू बाजार में बेचने की अनुमति नहीं होती है। देश में चीनी का उत्पादन काफी घटने की आशंका के बाद आयात नियम में रियायत की संभावना व्यक्त जा रही हैं। नए नियम में टन-टू-टन की व्यवस्था होगा। इसका आशय है कि मिलें रॉ शुगर आयात करके घरेलूबाजार में बेच सकेंगी लेकिन बाद में उन्हें उतनी मात्रा में चीनी निर्यात करनी होगी। शरद पवार ने इससे पहले कहा था कि सरकार रॉ शुगर को रिफाइंड करने के बाद घरेलू बाजार में बेचने की अनुमति देने पर गंभीरता से विचार कर रही है।एक लाख टन रॉ शुगर आयात संभवमुंबई। चालू सीजन के दौरान महाराष्ट्र की मिलें करीब एक लाख टन रॉ शुगर का आयात कर सकती हैं। राज्य के चीनी उत्पादन में करीब 11 फीसदी की गिरावट आने की वजह से आयात की आशा जताई जा रही है। महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरटिवशुगर फैक्ट्रीज फे डरशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक प्रकाश नायकनावर के मुताबिक इस साल 25 फरवरी तक करीब 32 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले करीब 11 फीसदी कम है। नायकनावर ने कहा कि ऐसे में राज्य मिलों को करीब एक लाख टन रॉ शुगर का आयात करना पड़ सकता है। (Business Bhaskar)
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