21 जनवरी 2009
विदेश में मंदी से भारत का मक्का निर्यात 67फीसदी गिरा
चालू सीजन के दौरान भारत से मक्के के निर्यात में गिरावट देखी जा रही है। घरलू बाजरों में ऊंची कीमतें और वैश्विक बाजारों में तुलनात्मक रूप से कम भाव की वजह से अक्टूबर के जनवरी के दौरान मक्के के निर्यात में करीब 67 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। कारोबारी सूत्रों के मुताबिक इन करीब चाह महीनों में भारत से करीब पचास हजार टन मक्के का निर्यात हो सका है जो पिछले साल के दौरान हुए निर्यात से काफी कम है। पिछले पूरे सीजन के दौरान भारत से करीब 30 लाख टन मक्के का निर्यात हुआ था। पिछले साल जुलाई के शुरूआत से अक्टूबर के मध्य तक मक्के के निर्यात पर सरकार ने प्रतिबंध भी लगाया था। लेकिन प्रतिबंध हटने के बावजूद इस साल निर्यात में गिरावट देखी जा रही है। यूएस ग्रेन काउंसिल में भारत के प्रतिनिधि अमित सचदेव के मुताबिक प्रतिबंध हटने के बाद निर्यात हो जरूर रहा है, लेकिन मात्रा पिछले साल के मुकाबले बेहद कम है। पिछले साल के दौरान वैश्विक बाजारों में मक्के की कीमतों में तगड़ा इजाफा होने की वजह से भारतीय मक्के की निर्यात मांग में तेजी देखी गई थी। अक्टूबर 2007 से जनवरी 2008 के दौरान यहां से करीब 1.50 लाख टन मक्के का निर्यात हुआ है। आल इंडिया स्टार्च मैन्युफैक्चर्स के अध्यक्ष अमोल सेठ के मुताबिक इस साल सितंबर तक करीब दस लाख टन मक्के का निर्यात होने की संभावना है। चालू सीजन के दौरान केंद्र सरकार ने मक्के के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाकर 840 रुपये क्विंटल कर दिया है। यह कीमत मक्के की मौजूदा वैश्विक भाव से ज्यादा है। ऐसे में भारतीय मक्के की निर्यात मांग पिछले साल की तरह नहीं निकल पा रही है। वहीं वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट से भी मक्के का कारोबार सुस्त है। बायोफ्यूल की मांग बढ़ने को लेकर हो रही सट्टेबाजी में कमी आई है। उधर फिलीपींस द्वारा मक्के के आयात पर 35 फीसदी का ऊंचा शुल्क वसूलने की वजह से वहां निर्यात नहीं हो पा रहा है। वहां कारोबारियों ने वहां की सरकार से मक्के के आयात का शुल्क मुक्त करने की मांग की है। मक्का का आयात महंगा बैठने की वजह से वह यूक्रेन और दूसरे देशों से पशुचारे के तौर पर गेहूं का आयात किया जा रहा है।इंदौर में सरकारी खरीद ज्यादा, धार में कमबिजनेस भास्कर नई दिल्लीइंदौर। इंदौर जिले में मक्का की सरकारी खरीद लक्ष्य के मुकाबले दोगुना हो गई जबकि धार जिले में लक्ष्य से आधी रही। इंदौर व धार जिले में नवंबर में मक्का की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू की गई थी। नागरिक आपूर्ति निगम इंदौर से मिली जानकारी के अनुसार इंदौर जिले में अब तक मक्का की समर्थन मूल्य पर 1166 टन की खरीद की गई जबकि लक्ष्य 500 टन का था। धार जिले में 500 टन के लक्ष्य के मुकाबले 275 मी. टन ही खरीद हो पाई है। धार जिले में मक्का का उत्पादन कम होने से खरीद कम रही। (Business Bhaskar)
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