22 जनवरी 2009
कैटल फीड में मांग बढ़ने से ग्वार के भाव चढ़े
पशुचारे के रूप में चूरी और कोरमा में घरेलू मांग बढ़ने से चालू महीने में ग्वार व ग्वार गम के भावों में तेजी देखी जा रही है। उत्पादक मंडियों में ग्वार की दैनिक आवक में काफी कमी आई है। हालांकि ग्वार गम की निर्यात मांग अभी भी कमजोर है। आर्थिक मंदी और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का असर ग्वार गम के निर्यात पर पड़ रहा है। आने वाले दिनों में निर्यात मांग यदि बढ़ती है तो कीमतों में भी तेजी देखी जा सकती है। जोधपुर के ग्वार व्यापारी प्रकाश जैन के मुताबिक राजस्थान और हरियाणा की मंडियों में ग्वार की दैनिक आवक घटकर 14-15 हजार बोरी रह गई है। जबकि चूरी व कोरमा में घरेलू मांग काफी अच्छी है। चालू महीने में कोरमा के भाव 100 रुपये बढ़कर 740 से 750 रुपये प्रति 75 किलो और चूरी के भाव 75 रुपये बढ़कर 850-900 रुपये प्रति 75 किलो हो गए। चूरी और कोरमा ग्वार से प्राप्त होने वाले उत्पाद हैं जो पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल होते हैं।खली के भावों में पिछले एक-डेढ़ महीने में तेजी रहने से चूरी व कोरमा की मांग बढ़ रही है। चूरी और कोरमा की मांग में बढ़ोतरी से जोधपुर मंडी में ग्वार के भाव 1600 रुपये और ग्वार गम के भाव 3600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। पहली जनवरी को यहां इनके भाव क्रमश: 1497 और 3380 रुपये प्रति क्विंटल थे। ग्वार व्यापारी सज्जन गोयल ने बताया कि पिछले वर्ष देश से ग्वार गम का कुल निर्यात 2.25 लाख टन रहा था लेकिन विश्व स्तर पर आर्थिक मंदी और कच्चे तेल की कीमतों में आई भारी गिरावट से चालू वर्ष में इसके निर्यात में करीब 40 से 50 हजार टन की कमी आने की आशंका है। हालांकि आगामी दिनों में अमेरिका, यूरोप व चीन की मांग बढ़ेगी। ग्वार गम का ज्यादा उपयोग क्रूड ऑयल की ड्रिलिंग में होता है। इसलिए ग्वार की तेजी काफी हद तक कच्चे तेल की कीमतों पर भी निर्भर करेगी। ग्वार व्यापारी पवन भाटिया ने बताया कि चालू वर्ष में ग्वार का उत्पादन 80-85 लाख बोरी व बकाया स्टॉक 30 से 35 लाख बोरी बचने का अनुमान है। हरियाणा की मंडियों में ग्वार की दैनिक आवक घटकर सात से आठ हजार बोरी व भाव बढ़कर 1550 से 1560 रुपये तथा राजस्थान की मंडियों में भाव 1500 से 1525 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। (Business Bhaskar....R S Rana)
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