31 जनवरी 2009
नई दिल्ली: इस साल जनवरी में हमेशा की तरह ठंड न रहने से सरकार के माथे पर पसीना छलक आया है। दरअसल इस बार तापमान सामान्य से अधिक रहा है जिसे देखते हुए आश
कोच्चि : चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर के बीच प्राकृतिक रबर का उत्पादन 7.9 फीसदी बढ़कर 6,69,080 टन हो गया। उम्मीद से कम खपत और अधिक आपूर्ति होने से शॉर्ट टर्म में रबर की कीमतों पर दबाव बना रह सकता है। शुक्रवार को एनसीडीईएक्स पर रबर का हाजिर भाव 68.54 रुपए किलो था। वहीं गुरुवार को घरेलू रबर की कीमत 69 रुपए प्रति किलो थी, जबकि एक दिन पहले बुधवार को रबर की कीमत 68.75 रुपए प्रति किलो थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में रबर की कीमत गुरुवार को मामूली बढ़त के साथ 74.92 रुपए प्रति किलो के स्तर पर थी। पिछले कई सप्ताह से रबर की कीमत इसी स्तर के आसपास बनी हुई है। अप्रैल से दिसंबर के बीच रबर की खपत 2.7 फीसदी बढ़कर 6,59,665 टन हो गई। चालू वित्त वर्ष में 8.99 लाख टन रबर की खपत का वास्तविक अनुमान लगाया गया था, लेकिन समीक्षा के बाद इसे घटाकर 8.62 लाख टन कर दिया गया है। रबर बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार, 'खपत में गिरावट के ट्रेंड से कीमतों पर दबाव बन सकता है।' वाणिज्यिक वाहनों के उत्पादन में गिरावट के कारण कीमत पर और प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, उनका मानना है कि फरवरी-मार्च में सीजन की शुरुआत में कीमतों में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। इस साल के लिए पहले किए गए 8.75 लाख टन के उत्पादन अनुमान को घटाकर 8.61 लाख टन किया गया है। दिसंबर में उत्पादन 14 फीसदी गिरकर 96,200 टन रहा। 2008 के दिसंबर के अंत में स्टॉक 1.91 लाख टन की तुलना में 2.06 लाख टन रहा। अप्रैल-दिसंबर के बीच 40,691 टन रबर का निर्यात किया गया, जबकि पिछले साल समान अवधि में निर्यात 24,581 टन रहा था। अप्रैल-दिसंबर के दौरान 65,748 टन रबर का आयात हुआ जबकि पिछले साल की समान अवधि में आयात 68,826 टन रहा था। (ET Hindi)
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