नई दिल्ली January 20, 2009
सरकार ने आटा मिलों और अन्य थोक उपभोक्ताओं को आवंटन के लिए खुले बाजार की बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं आवंटन 27,500 टन बढ़ा कर 10 लाख टन कर दिया है।
इससे पूर्व सरकार ने 9.72 लाख टन गेहूं को बेचने का निर्णय किया था। सितंबर 2008 में इस योजना की शुरुआत के बाद से राज्यों द्वारा गेहूं उठान की समीक्षा के बाद इसे बढ़ा दिया गया है।सरकार ने एक बयान में कहा, 'भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा जारी किए गए निविदा के मद्देनजर प्रदेश के आधार पर आवंटन की समीक्षा की गई है।' इसके बाद कुछ राज्यों के लिए आवंटन की मात्रा घटाई और कुछ के लिए बढ़ाई गई है। संशोधित आवंटन के तहत सरकार अतिरिक्त एक लाख टन गेहूं दिल्ली को, 30,000 टन तमिलनाडु को, 25,000 टन कर्नाटक को, 20,000 टन असम को और हरियाणा, पंजाब और उड़ीसा को 10,000-10,000 टन गेहूं का आवंटन किया है। इसके विपरीत सरकार ने महाराष्ट्र के लिए गेहूं की मात्रा में 45,000 टन, मध्य प्रदेश और बिहार के लिए 30,000-30,000 टन और हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के लिए 20,000-20,000 टन की कमी की है।सरकार ने कहा कि संशोधित आवंटन एफसीआई के खुली निविदा के जरिए सीधे थोक ग्राहकों को दिए जाएंगे। आवंटन अब 28 फरवरी तक किए जा सकेंगे। बयान में कहा गया है कि विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध गेहूं की शेष मात्रा के लिए एफसीआई के जरिए निविदा जारी की जाएगी। ओएमएसएस के तहत केन्द्र खाद्यान्न मूल्यों को नियंत्रित करने के लिए बाजार में हस्तक्षेप करती है और इसके लिए बफर स्टॉक में से खाद्यान्न की बिक्री करती है। (BS Hindi)
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