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17 जनवरी 2009

खाद्य तेल आयात से नाफेड को 60 करोड़ की चपत

आम उपभोक्ताओं को सस्ता खाद्य तेल सुलभ कराने की सरकारी योजना से भले ही किसी को कोई राहत मिली हो लेकिन बाजार के तेज उठापटक और सरकार की धीमी चाल के कारण नाफेड को करीब 60 करोड़ रुपये का चूना लग चुका है। दरअसल ने इस सहकारी संगठन ने सरकार के कहने पर महंगे भाव पर खाद्य तेल आयात सौदे किए लेकिन बाद में आम लोगों को वितरण होने से पहले ही भाव काफी गिर गए।चालू वित्तीय वर्ष के दौरान खाद्य तेल आयात में इस सहकारी एजेंसी को करीब 50-60 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। नेफेड के प्रबंध निदेशक के. एस. चौहान के मुताबिक वैश्विक बाजारों में खाद्य तेलों की कीमतों में आई तगड़ी गिरावट की वजह से नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने बताया कि चालू साल के दौरान कंपनी ने करीब 30,000 टन खाद्य तेलों के आयात सौदे किए हैं। केंद्र सरकार के निर्देश पर कुल 52,000 टन खाद्य तेलों का आयात करने के सौदे हुए है।उन्होंने बताया कि नाफेड खुद के कारोबार के लिए खाद्य तेलों का आयात नहीं करता है लेकिन खुद के जोखिम पर सारा आयात हुआ है। उन्होंने बताया कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान नाफेड को खाद्य तेल के आयात में मुनाफा हासिल हुआ था। केंद्र के लिए आयात किए गए खाद्य तेल में से अब तक खुले बाजारों में करीब 19 हजार टन की बिक्री हो चुकी है। साल 2007-08 के दौरान भी नाफेड को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। तब कंपनी को कुल टर्नओवर करीब 4,706.65 करोड़ रुपये था। जिसमें कंपनी को 56.69 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। (Business Bhaskar)

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