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02 अक्तूबर 2008

राजस्थान में शुरू न हो सकी बाजरा व मक्का की खरीद

सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण राजस्थान में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मक्का व बाजरा की सरकारी खरीद निर्धारित तिथि एक अक्टूबर से शुरू नहीं हो सकी। अभी इसमें एक सप्ताह का और विलंब हो सकता है। उधर मंडियों में बाजरा के भाव एमएसपी से बहुत कम होने के कारण किसानों ने माल बाजार में लाना कम कर दिया है। राजस्थान खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार को मोटे अनाज की खरीद के लिए पत्र लिखा है और एक-दो दिन में खरीद के आदेश जारी होने की उम्मीद है। इसके बाद एक सप्ताह में बाजरा और मक्का की खरीद शुरू हो जाएगी। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), राजफैड और तिलम संघ तीनों ने राज्य में 119 केंद्रों पर बाजरा और 66 केंद्रों पर मक्का की खरीद होगी। एफसीआई के क्षेत्रीय कार्यालय में उप महाप्रबंधक आर. सी. मीणा का कहना है कि एफसीआई कोर्सग्रेन यानि मक्का व बाजरा की खरीद के लिए पूरी तरह तैयार है। जैसे ही केंद्र सरकार से निर्देश मिलेंगे राज्य में बाजरा और मक्का की खरीद शुरू कर दी जाएगी। हालांकि खरीद शुरू करने की तैयारी करने में एक सप्ताह का समय लग सकता है। इस साल बाजरा और मक्का के समर्थन मूल्य 840 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किए गए हैं, जबकि राज्य में इस समय बाजरा 600 से 750 और मक्का 800 से 890 रुपए क्विंटल बिक रहा है। बाजरा के भाव कम होने के कारण किसान हरियाणा की मंडियों में बाजरा बेचने के लिए ले जा रहे हैं। अलवर मंडी के अनाज कारोबारी सूरजमल का कहना है कि मंडियों में पिछले सप्ताह बाजरा 550 रुपए क्विंटल तक उतर गया था। भावों आई गिरावट के बाद राजस्थान से हरियाणा में रोजाना ढाई से तीन हजार बोरी बाजरा जाने लगा है। बहुत से किसान फसल अभी राज्य की मंडियों में लाने से बच रहे हैं। यदि सरकारी खरीद शुरू हो जाती है तो राजस्थान से हरियाणा में बाजरा जाना बंद हो जाएगा। इस साल राजस्थान में 38.35 लाख टन बाजरा उत्पादन का अनुमान है जो कि देश के कुल उत्पादन का चालीस फीसदी होगा। पिछले वर्ष राज्य में 29.91 लाख टन बाजरा का उत्पादन हुआ था। मक्का उत्पादन पिछले वर्ष के मुकाबले 15.56 लाख से बढ़कर 17.29 लाख टन होने का अनुमान है। राज्य की मंडियों में रोजाना 70000 बोरी बाजरा और 4000 बोरी मक्का की आवक हो रही है। (Business Bhaskar)

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