21 अक्टूबर 2008
औद्योगिक मांग में कमी से चांदी 32 प्रतिशत सस्ती
विश्वव्यापी आर्थिक संकट और औद्योगिक क्षेत्र की धीमी चाल से चांदी अपनी चमक खो रही है। चांदी की औद्योगिक खपत में भारी कमी आई है। जिसके चलते दुनिया भर में चांदी के दाम लगातार गिर रहे हैं। घरेलू हाजिर बाजार में चांदी के दाम पिछले तीन महीने में 32 फीसदी कम हो गए हैं। पैनासोनिक की इंजीनियरिंग डिवीजन के महानिदेशक संजय वाधवा ने बताया कि चांदी के बढ़ते दामों के चलते दुनिया भर में टेलीविजन उद्योग ने चांदी की खपत में कमी करना शुरू कर दिया था। घरेलू टीवी उद्योग ने पिछले छह महीने में चांदी की खपत में करीब दस फीसदी की कमी की है। विश्व में लगभग 266 लाख किलो चांदी की सालाना खपत होती है। जिसमें से 84 फीसदी चांदी का औद्योगिक उपयोग होता है। चांदी की औद्योगिक मांग में कमी के चलते दामों में गिरावट का सिलसिला जारी है। घरेलू बाजार में 15 जुलाई को चांदी के दाम 26,200 रुपये प्रति किलो पहुंच गए थे जो 20 अक्टूबर को कम होकर 17,800 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गए हैं। जबकि पिछले साल इसी समय दाम 18,500 रुपये प्रति किलो थे। विश्व बाजार में भी चांदी की गिरावट लगातार जारी है। इस साल मार्च में कॉमेक्स में चांदी के दाम 21.35 डॉलर प्रति औंस के रिकार्ड स्तर पर थे जो बीस अक्टूबर को कम होकर 9.77 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गए हैं। जबकि पिछले साल इसी समय दाम 13 डॉलर प्रति औंस थे। कीमतों में जारी भारी उतार-चढ़ाव के चलते इस साल चांदी के आयात में भी कमी आई है। वर्ष 2007-08 में अक्टूबर तक चांदी का आयात 1800 टन हो गया था। वर्ष 2008-09 में सितंबर तक केवल 800 टन का ही आयात हुआ। पिछले साल चांदी का कुल आयात 2200 टन हुआ था। बंबई बुलियन एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश हुंडिया ने बताया कि साल की शुरूआत में ऊंची कीमतों के चलते आयात कम हुआ था। इस साल जुलाई के बाद से कीमतों में गिरावट जारी है। कीमतों में स्थिरता न होने के चलते आयात नही हो रहा है। (Business Bhaskar)
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