23 अक्तूबर 2008
अल्यूमीनियम पर मंदी के बादल
प्रमुख बेसमेटल अल्यूमीनियम पर विश्वव्यापी मंदी की छाप स्पष्ट दिखाई दे रही है। विश्व स्तर पर उत्पादन के मुकाबले अल्यूमीनियम की खपत हल्की पड़ने से मंदी की छाया अगले तीन साल तक हटने की संभावना नहीं दिख रही है। जबर्दस्त मंदी का असर है कि घरेलू बाजार में अल्यूमीनियम के हाजिर भाव 141 रुपये किलो के शीर्ष से गिरकर सौ के आंकड़े से भी नीचे 98 रुपये प्रति किलो के स्तर पर आ गए हैं। इस तरह अल्यूमीनियम के भावों में जुलाई से अभी तक करीब 40 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है। आगामी दिनों में इसके भावों में और भी गिरावट की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। एडिलवीस रिसर्च की ताजा रिपोर्ट के अनुसार अगले तीन साल तक अल्यूमीनियम की विश्वव्यापी मंदी छंटने वाली नहीं है क्योंकि पिछले साल विश्व स्तर पर मांग के मुकाबले 5.5 लाख टन अतिरिक्त उपलब्धता थी। इस साल आर्थिक मंदी का असर यह है कि अतिरिक्त उपलब्धता तीन गुना बढ़कर 12 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है। वर्ष 2009 व 2010 में भी मांग के मुकाबले उत्पादन ज्यादा ही रहेगा। सबसे बड़े उत्पादक चीन में उत्पादन कटौती का भी कोई असर होने वाला नहीं है। इसका नतीजा यह है कि लागत के मुकाबले विश्व स्तर पर अल्यूमीनियम के भाव आगे भी नीचे ही रहने की संभावना है।उधर अल्यूमीनियम कास्टर्स एसोसि एशन ऑफ इंडिया (एएलयूसीएएसटी) के सचिव आर. टी. कुलकर्णी ने बताया कि ग्लोबल स्तर पर आर्थिक मंदी के कारण अल्यूमीनियम के भावों में गिरावट देखी जा रही है। जब तक विश्व बाजारों की हालत में सुधार नहीं होगा तब तक इसके भावों में भी तेजी की संभावना तो नहीं ही है बल्कि भाव चार-पांच रुपये किलो और टूट सकते हैं। हालांकि बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है। मुंबई के सैयद अहमद ने बताया कि मुंबई में अल्यूमीनियम के हाजिर भाव ऊपर में 14 जुलाई को 141 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए थे लेकिन 28 जुलाई को इसके भाव घटकर 123 रुपये प्रति किलो रह गए। जुलाई से इसके भावों में जो गिरावट का सिलसिला शुरू हुआ तो अभी तक रुकने का नाम नहीं ले रहा है। 16 अगस्त को इसके भाव घटकर 116 रुपये प्रति किलो रह गए थे। भावों में हल्की-फुल्की मांग देखी गई, जिससे 28 अगस्त को इसके भाव सुधरकर 119 रुपये किलो हो गए। इसके बाद फिर से भाव में गिरावट आनी शुरू हो गई और 16 सितंबर को इसके भाव घटकर 116 रुपये के स्तर पर आ गए तथा 30 सितंबर को इसके भाव घटकर 111 रुपये प्रति किलो रह गए। चालू माह में भी गिरावट का रुख बरकरार रहा तथा 15 अक्टूबर को इसके भाव हाजिर बाजार में घटकर 107 रुपये व 23 अक्टूबर को घटकर 98 रुपये प्रति किलो के स्तर पर आ गए। (Business Bhaskar.............R S Rana)
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