29 अक्तूबर 2008
आंध्र प्रदेश में चीनी का उत्पादन घटकर आधा रहने के आसार
हैदराबाद : आंध्र प्रदेश में चीनी का उत्पादन पिछले सीजन के 14.5 लाख टन के मुकाबले इस सीजन में घटकर आधा यानी 7.5 लाख टन रह सकता है। इसकी वजह गन्ने की फसल में भारी कमी आना है। गन्ने की कमी से शुगर मिल मालिक भी परेशान हैं। गन्ना नहीं मिलने से उनका कारोबार ठप पड़ जाएगा। इस हालत में वे गन्ने की खरीद के लिए 1,100 रुपए से लेकर 1,500 रुपए टन तक का भाव देने को तैयार हैं। गन्ना उगाने के लिए किसानों से आसान शर्तों पर 10,000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से कर्ज देने के वादे भी किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 811.80 रुपए प्रति टन तय किया है। राज्य सरकार इस एसएमपी से ज्यादा भाव नहीं देती है, लेकिन इसके बदले में चीनी मालिक 65 रुपए प्रति टन के परचेज टैक्स का फायदा उन्हें देते हैं। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि चीनी का उत्पादन घटने से इसके दाम में कम से कम 12 फीसदी का इजाफा होना तय है। ऐसे में चीनी की कीमतें मार्च, 09 तक 16.50 रुपए किलो से बढ़कर 18.50 रुपए हो सकती हैं। गन्ने की फसल का रकबा इस साल पिछले साल के 5 लाख एकड़ के मुकाबले घटकर 3 लाख एकड़ रह गया है। अच्छी-खासी तादाद में किसानों ने ज्यादा मुनाफे वाली दूसरी वाणिज्यिक फसलों का रुख कर लिया है। आंध्रप्रदेश के शुगर कमिश्नर के लक्ष्मणरमैया ने बताया कि किसान इस समय धान, मक्का और सूरजमुखी जैसी दूसरी मुनाफे वाली फसलों की खेती की तरफ जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि गन्ने की खेती पर मजदूरी की लागत भी बढ़ी है। (ET Hindi)
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