चंडीगढ़ October 22, 2008
वैश्विक बाजार में आई मंदी का असर शायद पंजाब के इस्पात उद्योग पर कुछ अधिक ही हुआ है।
यहां स्टील की कीमतें घट कर एक साल के न्यूनतम स्तर 26,000 रुपये प्रति टन पर आ गई हैं जिससे राज्य के स्टील उत्पादकों का मुनाफा (मार्जिन) पूर्णत: खत्म हो गया है।ऑल इंडिया स्टील री-रॉलर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट विनोद वशिष्ठ ने कहा, 'वैश्विक बाजार में चल रहे उठापटक से राज्य के स्टील उत्पादक बुरी तरह प्रभावित हुए हैं क्योंकि पिछले कुछ दिनों में राज्य में स्टील की कीमतें काफी अधिक घटी हैं।' कारोबारियों ने बताया कि इस साल 42,000 रुपये प्रति टन के अधिकतम स्तर पर पहुंचने के बाद इन्गॉट की कीमतें घट कर 26,000 रुपये प्रति टन रह गई हैं। गोविन्दगढ़ मंडी के एक विश्लेषक राज सूद ने कहा, 'पंद्रह दिनों पहले इन्गॉट की कीमतें 35,000 प्रति टन के आस पास थी और तबसे अभी तक कीमतों में 25 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। यह साल की सबसे बड़ी गिरावट है।'विशेषज्ञों ने बताया कि वैश्विक बाजार में स्क्रैप (स्टील इन्गॉट बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला प्रमुख कच्चा माल) की कीमतों में आई भारी गिरावट के कारण स्टील की कीमतों में कमी आई है।एक स्टील कंपनी के मालिक प्रकाश चंद गर्ग ने कहा, 'स्क्रैप की कीमतों में अचानक आई कमी से स्टील उत्पादकों को कई कराड़ रुपये का घाटा हुआ है। इस वजह से स्क्रैप के आयात के लिए दी गई अग्रिम राशि से उन्हें हाथ धोना पड़ा है।' इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि स्क्रैप के आयातक भारी घाटे की चिंता के कारण प्रेषित सामानों की डिलिवरी नहीं ले रहे हैं। (BS Hindi)
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