26 अक्तूबर 2008
बारिश होने से हल्दी को फायदा,भाव गिरे
तमिलनाडु में हल्दी के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में चालू सप्ताह में हुई वर्षा से आने वाली फसल का उत्पादन बढ़ने की संभावना है। ऐसे में स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ने से हल्दी के भावों में पिछले एक माह में करीब 250 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आकर इरोड़ मंडी में भाव 3850 से 3900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। जानकारों के अनुसार इस समय घरेलू मांग कमजोर चल रही है तथा वर्षा से नई फसल के उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना से इसके भावों में और भी गिरावट की उम्मीद से इंकार नहीं किया जा सकता। इरोड़ मंडी के हल्दी व्यापारी सुभाष गुप्ता ने बिजनेस भास्कर को बताया कि चालू सप्ताह में उत्पादक क्षेत्रों में हुई वर्षा से उत्पादन बढ़ने की संभावना तो है लेकिन अगर आगामी दिनों में भी वर्षा जारी रहती है तो फिर फसल को नुकसान भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि अभी तक के मौसम को देखते हुए देश में नई फसल का उत्पादन बढ़कर 45 लाख बोरी (एक बोरी 70 किलो) होने की उम्मीद है जबकि गत वर्ष इसका उत्पादन 43 लाख बोरी का हुआ था। इरोड मंडी में शुक्रवार को हल्दी के भाव घटकर इरोड़ फली के 3850 से 3900 रुपये तथा सेलम फली के भाव घटकर 4300 से 4800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।निजामाबाद मंडी के हल्दी व्यापारी पूनम चंद गुप्ता ने बताया कि उत्पादक मंडियों में हल्दी का कुल स्टॉक मात्र 11 लाख बोरी का ही बचा है। इरोड़ में चार लाख बोरी, डुग्गीराला में सवा लाख बोरी, निजामाबाद व वारंगल में डेढ़ लाख बोरी, सांगली व नांदेड़ में डेढ़ लाख बोरी व अन्य मंडियों में करीब दो लाख बोरियों का स्टॉक है। स्टॉक बीते वर्ष की समान अवधि के 14-15 लाख बोरी के मुकाबले कम है। नई फसल की आवक उत्पादक मंडियों में जनवरी के दूसरे पखवाड़े में बनेगी। इन हालातों में मौजूदा भावों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट तो आ सकती है लेकिन लंबी गिरावट की उम्मीद नहीं है। उन्होंने बताया कि आंध्रप्रदेश व महाराष्ट्र के उत्पादक क्षेत्रों में इस समय फसल को एक पानी की आवश्यकता है। शुक्रवार को निजामाबाद मंडी में हल्दी के भाव घटकर 3500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए तथा पिछले एक माह में इसमें करीब 250 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। मिसाला बोर्ड के सूत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त तक हल्दी का निर्यात बढ़कर 24,500 टन का हुआ है तथा गत वर्ष की समान अवधि के मुकाबले इसमें सात फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। (Business Bhaskar...........R S Rana)
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