कोलकाता October 30, 2008
धान के रिकॉर्ड उत्पादन और जूट उत्पादन में कमी के चलते काफी पहले से यह आशंका जताई जा रही थी कि इस बार जूट की बोरियों की खासी कमी हो सकती है।
ऐसे में सरकार ने जूट पैकेजिंग (अनिवार्य) अधिनियम, 1997 के कुछ प्रावधानों में थोड़ी ढील दे दी है। फिलहाल यह ढील केवल पंजाब के लिए ही दी गई है। केंद्र सरकार ने पंजाब को धान की पैकिंग के लिए जूट की बोरियों का इस्तेमाल करने की अनिवार्यता खत्म कर दी है।केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय ने पंजाब सरकार को 30 नवंबर या इससे पहले खरीदे गए धान की पैकिंग के लिए जूट बोरियों की 80 हजार गांठों को खरीदने से छूट दे दी है। सरकार के इस आदेश में साफतौर पर कहा गया है कि तय समय के बाद छूट नहीं दी जाएगी। आदेश में कहा गया कि एक जनवरी 2008 या इसके बाद खरीदे गए अनाज की पैकिंग के लिए जूट की बोरियों का इस्तेमाल अनिवार्य है। बताया जा रहा है कि यह छूट हाल ही में पंजाब सरकार द्वारा केंद्रीय उपभोक्ता मामलों और खाद्य और जनवितरण प्रणाली के मंत्रालय को लिखे पत्र के बाद दी जा रही है। इस पत्र में पंजाब सरकार ने लिखा था कि पहले के अनुमान से करीब 15 लाख टन ज्यादा धान पैदा होने की उम्मीद है। इस बार करीब 1.57 करोड़ टन धान पैदा होने की संभावना है। पंजाब का कहना था कि ऐसी हालत में जूट की करीब 80 हजार गांठों की कमी का अंदाजा है। इस पत्र में कहा गया था कि यदि जूट की बोरियां न खरीदी गई तो एचडीपीई या पीपी बोरियों को इस्तेमाल की छूट दी जानी चाहिए। पंजाब का तर्क था कि विशेष मामला मानते हुए इन बोरियों को खुली बोलियों के जरिए खरीदने की अनुमति दी जानी चाहिए ताकि इससे धान की खरीद पर नकारात्मक असर न पड़े। बाद में उपभोक्ता मामले एवं खाद्य और जनवितरण प्रणाली मंत्रालय ने जूट आयुक्त के साथ हुई बैठक में पाया कि 5.6 लाख गांठों की तुलना में महज 5.11 गांठों की आपूर्ति हो पाई है। इस तरह इस बार करीब 58 हजार जूट गांठों की कमी होने का खतरा है जबकि जूट के करीब 80 हजार गांठ और चाहिए। जूट आयुक्त कार्यालय के मुताबिक, जूट उद्योग के पास करीब 2.43 लाख का ऑर्डर लंबित पड़ा है। जूट उद्योग की उत्पादन क्षमता इस समय करीब 2.20 लाख गांठें हैं। जूट आयुक्त के मुताबिक, अतिरिक्त उत्पादन के लिए जूट उद्योग को अतिरिक्त समय चाहिए।लेकिन हालत यह है कि यह उद्योग 16 नवंबर से पहले जूट की बोरियों का अतिरिक्त उत्पादन करने की स्थिति में बिल्कुल ही नहीं है। इस बीच पंजाब सरकार ने सूचित किया कि इस बार धान के ज्यादा उत्पादन के चलते जूट की बोरियों की किल्लत हो जाएगी क्योंकि कम से कम 16 नवंबर तक जूट उद्योग अतिरिक्त बोरियों की आपूर्ति करने में असमर्थ है। (BS Hindi)
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