सिंगापुर October 27, 2008
एशियाई बाजार में आज तेल की कीमतें कम होकर 17 महीने के न्यूनतम स्तर 63 डॉलर प्रति बैरल पर आ गईं।
गंभीर वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण कच्चे तेल की मांग कम होने की संभावनाओं को देखते हुए शुक्रवार को ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज (ओपेक) द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती की घोषणा की गई थी और निवेशकों ने भी इसे गंभीरता से लिया है। दिसंबर डिलिवरी वाले लाइट स्वीट क्रूड की कीमतों में 32 सेंट की गिरावट आई और न्यूयॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज पर इसकी कीमतें 63.83 डॉलर प्रति बैरल रही।निवेशकों ने दैनिक उत्पादन में 15 लाख बैरल की कटौती की ओपेक द्वारा की गई घोषणा को तवज्जो नहीं दी है, उनका ध्यान विश्व भर की अर्थव्यवस्था पर ऋण संकट के प्रभावों के कारण कच्चे तेल की कम होती कीमतों पर अधिक है। शुक्रवार को तेल की कीमतों में 3.69 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट दर्ज की गई और यह 64.15 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। 11 जुलाई की रेकॉर्ड 147.27 डॉलर प्रति बैरल की कीमत से अभी तक 57 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।सिडनी स्थित कॉमनवेल्थ बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया के कमोडिटी स्टे्रटजिस्ट डेविड मूर ने कहा, 'बाजार का मूड नकारात्मक है और यह अंतरराष्ट्रीय आर्थिक परिदृश्यों से संबंधित चिंताओं को प्रदर्शित करता है। अगर आगे भी यूरोप या अमेरिका से कमजोर आर्थिक आंकड़े ही प्राप्त हुए तो कीमतों पर दबाव और बढ़ेगा और उनमें कमी हो सकती है।'इरान में ओपेक के गवर्नर मोहम्मद अली खतिबी ने कल कहा कि कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती पर दिसंबर में अल्जीयर्स में होन वाली अगली बैठक में 'विचार किया जाएगा'। अगर आवश्यक हुआ तो ओपेक की यह बैठक पहले भी बुलाई जा सकती है।मूर ने कहा, 'मेरा खयाल है कि ओपेक ने परिस्थितियों को देखते हुए बेहतर निर्णय लिया है, लेकिन प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के मंदी की चपेट में आने की संभावनाएं अभी भी प्रबल हैं। ओपेक द्वारा उत्पादन में कटौती के लिए उठाया गया कदम बाजार की सुधार की दिशा में है।' (BS Hindi)
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