नई दिल्ली October 22, 2008
पिछले महीने की अपेक्षा सोने के कारोबार में भले ही बढ़ोतरी हो गयी हो पर अभी भी सर्राफा कारोबारियों के चेहरे मुरझाए हुए हैं।
पिछले साल के त्योहारी सीजन की तुलना में इस बार का कारोबार करीब 30-35 फीसदी कम है। कारोबारियों के मुताबिक उन्हें अच्छा मुनाफा तभी मिलेगा जब आभूषणों का कारोबार काफी बढ़ जाए।वैसे कारोबारियों का मानना है कि सोने के कारोबार का पिछले साल के स्तर तक जाने की दूर-दूर तक कोई उम्मीद नहीं है। फिर भी उन्हें उम्मीद है कि यदि सोने में 500 रुपये की भी कमी हो गई तो इसकी खरीदी पिछले साल के आसपास तक पहुंच जाएगी।लौटे ग्राहकसर्राफा कारोबारी इन दिनों बात करने से कतरा रहे हैं। इसकी वजह कई महीने बाद बाजार में चहल-पहल का लौटना है। इन कारोबारियों को इस समय ये कतई मंजूर नहीं कि कोई भी ग्राहक यूं ही लौट जाए।सोने के विक्रेता कहते हैं कि दो महीने से उनका कारोबार रूका पड़ा है। सर्राफा बाजार संघ के पूर्व अधिकारी अवधेश चंद्र कहते हैं कि दीपावली में महज हफ्ते भर का समय रह गया है।शादी का मौसम भी अब शुरू होने को है पर सोना तो 12-13 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे उतरने का नाम ही नहीं ले रहा। बाजार का ये हाल है कि बुधवार को 10 ग्राम सोने की कीमत 12,400 रुपये रही जबकि पिछले साल सोना दीपावली के वक्त 10 हजार रुपये प्रति दस ग्राम से भी नीचे चल रहा था। इस बार की विश्वव्यापी आर्थिक मंदी ने भी सोने की घरेलू मांग को प्रभावित किया है।नतीजा के तौर पर पिछले साल की तुलना में सोने के कारोबार में 30 फीसदी की कमी हो चुकी है। बदला रुझानकारोबारियों की मानें तो ग्राहकों का रुझान अब बदल गया लगता है। वे आभूषण की बजाय सोने के सिक्के, छड़, बिस्कुट आदि खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। आभूषण तो सिर्फ शादी के लिए ही खरीदे जा रहे हैं।चढ़ सकते हैं भावसर्राफा कारोबारियों ने बताया कि अगर कीमत में प्रति दस ग्राम 500 रुपये तक की कमी हो गई तो इसकी खरीदी पिछले साल के आसपास तक चली जाएगी। दूसरी ओर यह आशंका भी है कि शेयर बाजार और लुढ़का तो सोने का बाजार 15 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक भी जा सकता है। वैसे कुछ दिन पहले तो यह 13,800 रुपये तक जा चुका है। सोने का मूल्यांकन पूरी दुनिया में एकसमान होता है जबकि रुपये के साथ ऐसा नहीं है।निर्यात में कमीविश्वव्यापी आर्थिक मंदी के चलते पिछले दो माह में आभूषण का निर्यात लगभग 25 फीसदी कम हो चुका है। पिछले 15 दिन में डॉलर के मुकाबले रुपये में आई गिरावट से निर्यात बाजार में थोड़ी मजबूती की उम्मीद है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसका निर्यात पिछले साल के मुकाबले रुपये में 22 फीसदी गिर चुका है। (BS Hindi)
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