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17 अक्तूबर 2008

धान की सरकारी खरीद पर पचास रुपये का बोनस

केंद्र सरकार ने वर्ष 2008-09 के लिए धान की सरकारी खरीद पर 50 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने की घोषणा कर दी है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके चलते किसानों को धान की सामान्य किस्म के लिए 900 रुपये और ग्रेड ए किस्म के लिए 930 रुपये प्रति क्विंटल का दाम मिलेगा। चालू विपणन सीजन के लिए सरकार ने धान की इन किस्मों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 850 रुपये और 880 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।लेकिन पांच राज्यों में विधान सभा चुनावों और लोकसभा के आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर किसानों को खुश करने के मकसद से दिए गए इस बोनस के बावजूद किसान नाराज हैं। उनका कहना है कि कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) द्वारा की गई 1000 रुपये और 1050 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी की सिफारिश से कम कीमत जायज नहीं है। किसान संगठनों ने सीएसीपी की सिफारिश के अनुरूप समर्थन मूल्य तय करने की मांग को लेकर 20 अक्टूबर को रेल रोको आंदोलन करने की घोषणा की है। भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) पंजाब के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि धान की बढ़ती उत्पादन लागत को देखते हुए यह बोनस पर्याप्त नहीं है। हमारा संगठन सीएसीपी की सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर 20 अक्टूबर को रेल रोको आंदोलन करेगा। वहीं कीर्ति किसान यूनियन के अध्यक्ष हरदेव सिंह संधू ने कहा कि यह पहला मौका है जब केंद्र सरकार ने सीएसीपी की सिफारिशों को नहीं माना है। केंद्र शेयर बाजार को बचाने के लिए करोड़ों रुपये देने को तैयार है पर किसानों के लिए उसके पास पैसे का अभाव हो जाता है। इंडियन फार्मर एसोसिएशन के अध्यक्ष सतनाम सिंह ने भी सीएसीपी की सिफारिशें लागू करने की मांग की है। दूसरी ओर हरियाणा में भी पानीपत के अनाज मंडी के प्रधान धर्मवीर मलिक के अनुसार सरकार को 100 रुपये बोनस की घोषणा करनी चाहिए । जिससे किसानों को धान के अधिक दाम मिल सकें। अनाज मंडी के आढ़़तिये विजेंद्र कादियान ने कहा कि इस साल धान की फसलों में बीमारी लग जाने से लागत में काफी बढ़ोतरी हो गई है जिसे देखते हुए किसानों को कम से कम 1000 रुपये प्रति क्विंटल के दाम मिलने चाहिए। हरियाणा के करनाल में भी किसानों का यही मानना है। करनाल में अनाज मंडी के प्रधान बृज बिहारी सिंगला का मानना है कि सरकार को बोनस की बजाय एमएसपी में ही बढ़ोतरी करनी चाहिए थी। जिससे किसानों को अगले साल भी इसका फायदा मिलता। सरकार ने अक्टूबर महीने से धान की खरीद शुरू कर दी है। किसानों को धान के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी या बोनस की प्रतीक्षा काफी ज्यादा थी। उन्हे उम्मीद थी कि पिछले वषरे की तरह सरकार सीएससीपी की सिफारिशों के अनुरूप खरीद मूल्य तय करगी। लेकिन आज की घोषणा से उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। कम समर्थन मूल्य होने के कारण अभी तक धान खरीद धीमी चल रही है। (Business Bhaskar)

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